पाकिस्तानी छात्रा को बनाया स्वच्छता का ब्रांड एंबेसडर, CM ने दिए जांच के आदेश

स्वच्छता समिति की नोटबुक के कवर पेज पर बच्ची पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लेते हुए पाकिस्तानी झंडा बनाती दिख रही है. गूगल पर सर्च करने पर इस मामले का खुलासा हुआ. पाकिस्तान में कार्य कर रही यूनिसेफ संस्था ने इस बच्ची की तस्वीर का इस्तेमाल शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए किया है.

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नोटबुक पर छपी फोटो नोटबुक पर छपी फोटो

सुजीत झा

  • पटना,
  • 05 मई 2018,
  • अपडेटेड 8:26 PM IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जमुई जिला जल एवं स्वच्छता समिति की नोटबुक पर पाकिस्तानी बच्ची को ब्रांड एम्बेसडर बनाये जाने के मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं. मुख्यमंत्री इस मामले की जांच जमुई के जिलाधिकारी को सौंप दी है. बता दें कि इस तस्वीर को छापने की स्वीकृति जमुई के तत्कालीन जिलाधिकारी ने दी थी.

'स्वच्छ जमुई स्वस्थ जमुई' की परिकल्पना को साकार करने में जिला जल एवं स्वच्छता समिति ने अपने नोटबुक के कवर पेज पर पाकिस्तानी स्कूली बच्ची को ब्रांड एम्बेसडर बनाया है. बात यहीं खत्म नहीं हुई, स्वच्छता मिशन से जुड़े हर प्रचार-प्रसार और जागरूकता कार्यक्रम में जिला जल एवं स्वच्छता समिति पाकिस्तानी बच्ची की इस तस्वीर को ही ब्रांड के रूप में पेश कर रही है.

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बता दें कि स्वच्छता समिति की नोटबुक के कवर पेज पर बच्ची पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लेते हुए पाकिस्तानी झंडा बनाती दिख रही है. गूगल पर सर्च करने पर इस मामले का खुलासा हुआ. पाकिस्तान में कार्य कर रही यूनिसेफ संस्था ने इस बच्ची की तस्वीर का इस्तेमाल शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए किया है. साथ ही पाकिस्तान में इस तस्वीर को एक ब्रांड के रूप में इस्तेमाल किया गया है.  

विभाग की दस सदस्यीय समिति की मंजूरी के बाद पाकिस्तानी बच्ची की तस्वीर के साथ नोटबुक और स्वच्छता कुंजी को प्रकाशित करवाया गया था. स्वच्छता समिति के जिला समन्वयक सुधीर कुमार बताते हैं कि समिति के अध्यक्ष तत्कालीन डीएम कौशल किशोर ने सदस्यों के प्रस्तावित नोटबुक को प्रकाशन की स्वीकृति दी थी.

छात्रा की तस्वीर

पटना की प्रिंटिंग प्रेस सुप्रभ इंटरप्राइजेज ने नोटबुक और स्वच्छता कुंजी पर इस फोटो को छापने का काम किया है. समिति की ओर से प्रेस को 5 हजार कुंजी और 5 हजार नोटबुक छापने का ऑर्डर दिया गया था. प्रिंटिंग प्रेस के प्रोपराइटर शैलेश कुमार ने बताया कि 4 लाख 80 हजार रुपये कुंजी और 78,400 रुपये नोटबुक की छपाई में भुगतान हुआ है.

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कवर पेज पर पाकिस्तानी लड़की की तस्वीर लगाने के मामले में प्रोपराइटर ने बताया कि प्रिंटिंग से पहले स्वीकृति के लिए समिति को भेजा गया था जहां से मंजूरी के बाद छपाई की गई है.

समिति की ओर से प्रकाशित नोटबुक और स्वच्छता कुंजी का वितरण जिले के सभी स्कूल, आंगनवाड़ी केंद्रों और कस्तूरबा विद्यालय की बच्चियों के बीच किया है. साथ ही स्वच्छता को लेकर आयोजित प्रतियोगिताओं में भी इस नोटबुक (कॉपी) का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिले में निश्चय योजना के तहत कुछ महीने पहले ही मुख्यमंत्री की ओर से इस नोटबुक और स्वच्छता कुंजी का विमोचन किया गया था.

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