सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों पर जनता के सुझाव सुनेंगे नीतीश

प्रत्येक महीने के पहले तीन सोमवार को मुख्यमंत्री का लोक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उपस्थित होकर आम जनता के सुझाव को सुनेंगे.

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बिहार के सीएम नीतीश कुमार बिहार के सीएम नीतीश कुमार

सुजीत झा

  • पटना,
  • 03 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 1:43 PM IST

सरकार के सात निश्चय कार्यक्रम और सरकार की नीतियों को लेकर क्या है बिहार के आम जनता की राय इसे स्वयं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सुनेंगे. लोगों की राय और सुझाव जानने के लिए सरकार ने नए कार्यक्रम लोक संवाद की शुरुआत की है. मुख्यमंत्री का पहला लोक संवाद कार्यक्रम 5 दिसंबर से से शुरू हो रहा है जो लगातार अब पटना में आयोजित होगा.

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प्रत्येक महीने के पहले तीन सोमवार को मुख्यमंत्री का लोक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उपस्थित होकर आम जनता के सुझाव को सुनेंगे. इससे पहले महीने के प्रत्येक सोमवार को जनता के दरबार में मुख्यमंत्री उपस्थित रहते थे, जिसके बंद होने के बाद लोक संवाद कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय सरकार ने लिया है. बिहार में लोक शिकायत अधिकार अधिनियम कानून लागू होने के बाद से जनता के दरबार कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया. महीने के पहले तीन सोमवार को अलग-अलग कार्यक्रमों और क्षेत्र के बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनिंदे 50 लोगों से लोगों की राय और सुझाव सुनेंगे. इस मौके पर संबंधित विभाग के मंत्री और उस विभाग के वरीय अधिकारी लोक संवाद कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे.

मुख्यमंत्री सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री लोक संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पहले सोमवार को सड़क, भवन, बिजली, पेयजल, सिंचाई, उद्योग और अन्य आधारभूत संरचना के बारे में लोगों की राय को सुनेंगे. लोगों की राय और सुझाव सुनने के बाद यदि मुख्यमंत्री को लगेगा कि इस पर अमल किया जाना चाहिए तो उनके सुझाव पर योजनाओं में संशोधन या फिर उस योजनाओं को क्रियान्वित करने के तरीके में बदलाव भी लाया जा सकता है.

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दूसरे सोमवार को मुख्यमंत्री पुलिस, सामान्य प्रशासन, पंचायती राज, नगर निकाय, मानवाधिकार व सहकारी संस्थाएं और तीसरे सोमवार को शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज क्लायण, एससी, एसटी, और अल्पसंख्यक विभाग के बारे में लोगों की राय ली जाएगी. लोक संवाद कार्यक्रम के लिए लोगों के सुझाव अधिक से अधिक 200 शब्दों में मांगे गए है और ये सुझाव डाक से या फिर ऑनलाइन या फिर स्वंय उपस्थित होकर देने की व्यवस्था सरकार ने कर रखी है.

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