RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद ने नोटबंदी पर पीएम मोदी से पूछे 13 सवाल

आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने नोटबंदी को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है. लालू की मानें तो 500 और 1000 के नोट बंद होने से आम जनता परेशान है और सरकार के पास कोई सही रोडमैप नहीं है.

Advertisement
लालू प्रसाद यादव लालू प्रसाद यादव

रोहित कुमार सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:58 PM IST

आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने नोटबंदी को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है. लालू की मानें तो 500 और 1000 के नोट बंद होने से आम जनता परेशान है और सरकार के पास कोई सही रोडमैप नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि एक पखवाड़े पूर्व अचानक देशवासियों को यह फरमान सुनाया गया कि चार घंटे बाद देश की 86 फीसदी मुद्रा सिर्फ कागज का टुकड़ा रह जाएगी. यह तुगलकी फ़रमान था, कहावत के रूप में भी, भावात्मक रूप में भी और वास्तविक रूप में भी. आप विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के, आप ही के शब्दों में, प्रधान 'सेवक' हैं. आपने कैसे इतना बड़ा कदम बिना सोचे विचारे देश की जनता पर थोप दिया?

Advertisement

हम काले धन के सख़्त विरोधी हैं. लेकिन इसके नाम पर आप पूंजीपतियों की गोद में बैठकर आम लोगों को परेशान नहीं कर सकते. जिनके पास सचमुच काला धन है, उनको दबोचने में प्रधानमंत्री क्यों हिचकिचा, सकुचा रहा है? जिस व्यक्ति के एक निर्णय पर करोड़ों लोगों का जीवन टिका हो, क्या उसे बिना आव-ताव देखे, आवेश में आकर, मुखपृष्ठों पर छाने के लिए अनाप-शनाप निर्णय लेने का अधिकार है? मोदी जी आपसे कुछ सवाल है, जनता जवाब चाहती है.

1. आज देश का किसान त्राहिमाम कर रहा है. उसकी दोनों फसलें बर्बाद होने के कगार पर है. किसानों ने तुम्हारा क्या बिगाड़ा था? किसानों से किस बात का बदला लिया जा रहा है? देश का किसान निर्धन सही, किन्तु निर्बल नहीं है. देश का किसान मोदी को माफ नहीं करेगा.

Advertisement

2. देश के भूखे, निर्धन, वंचित को सताने में प्रधानमंत्री को कौन सा नैसर्गिक सुख प्राप्त हो रहा है? तुमने जो हंगामा खड़ा किया है, उसके शोर शराबे में करोड़ों लोगों के भूख और पीड़ा से कराहने की आवाज दब रही है, पर समझ लो हमेशा नहीं दबेगी.

3. प्रधानमंत्री बताए कि नोटबंदी के बाद FDI का कितना बिलियन डॉलर देश के बाहर जा चुका है? इस कदम से भारतीय अर्थव्यवस्था में अव्यवस्था की छवि वाला जो नकारात्मक सन्देश पूरे विश्व में गया है, उससे उबर पाने में कितने प्रगतिशील सालों की बलि चढ़ेगी?

4. प्रधानमंत्री बताये कि रुपये की कमजोरी और बदतर हालात का ज़िम्मेवार कौन है?

5. प्रधानमंत्री बताए कि इस कदम से GDP ग्रोथ रेट जो गोते खाएगी, उसकी भरपाई में कितने वर्ष लगेंगे? विकास दर में गिरावट की ज़िम्मेवारी प्रधानमंत्री लेगा या बलि का बकरा ढूंढा जाएगा?

6. नोटबंदी के कारण अब तक 75 से अधिक लोग मर चुके हैं. इनकी हत्या का दोषी कौन है? PM बताए कि पीड़ित परिवारों को मुआवज़ा दिया जाएगा कि नहीं?

7. प्रधानमंत्री बताए कि छोटे व्यापारियों को हुए नुकसान की भरपाई कौन करेगा? असंगठित क्षेत्र के लोगों को हुई असुविधा और नुकसान का हर्ज़ाना कौन भरेगा?

8. प्रधानमंत्री के इस निर्णय में क्या कैबिनेट की सहमति थी? अगर सचमुच थी, तो इस निर्णय में कौन कौन लोग भागीदार थे, क्योंकि जनता जानना चाहती है कि उसकी इस दुर्दशा के लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं?

Advertisement

9. क्या आरएसएस को लोगों की पीड़ा का आनंद आ रहा है? कहीं ऐसा तो नहीं, संघ के आदेश पर ही यह नोटबंदी का स्वांग रचा गया? मोहन भागवत चुप क्यों है?

10. मोदी बताए कि अबतक देश को कितने manhours और प्रोडक्शन का नुकसान हुआ है? उसकी भरपाई कैसे होगी?

11. प्रधानमंत्री सीमा निर्धारित करके बताएं कि उनके वादानुसार लोगों के खाते में 15-15 लाख रुपये कब जमा होंगे?

12. क्या प्रधानमंत्री पूरी तरह आश्वस्त है कि बचे हुए 35 दिन में वो सभी समस्याओं का निदान कर देंगे? नहीं तो बतावें कि कितने दिन और जनता को तड़पाएंगे?

13. जनता को आपके जबाबों का इंतज़ार है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement