लालू बोले- समाजवाद-समतावाद की प्रतीक है छठ, मेरी वजह से इसे मिली अंतराराष्ट्रीय पहचान

अपने संदेश में लालू ने कहा कि छठ महापर्व पूरे तरीके से इको फ्रेंडली, समतावादी और समाजवादी सोच के प्रतीक का पर्व है. इसमें किसी पंडित या पुरोहित की जरूरत नहीं होती. इस पर्व में इस्तेमाल होने वाली तमाम चीजें प्राकृतिक होती हैं.

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लालू के परिवार ने इस बार नहीं मनाया छठ लालू के परिवार ने इस बार नहीं मनाया छठ

अंजलि कर्मकार / रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 07 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 11:49 AM IST

चार दिनों तक चलने वाला आस्था का महापर्व छठ सोमवार की सुबह भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया. इस मौके पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने लोगों को इस महापर्व की बधाई दी. लालू ने कहा, 'छठ समाजवाद और समतावाद का प्रतीक है. मेरी वजह से इसे राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली.'

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इस पर्व की विशेषता के बारे में आरजेडी प्रमुख ने कहा कि इस पूजा में आधुनिकता का दिखावटी प्रदर्शन नहीं होता. उन्होंने कहा, 'लोग कहते हैं कि मेरी वजह से छठ पूजा को राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली. मुझे कई लोगों से बधाई संदेश मिले हैं, ऐसे शुभचिंतकों को मैं इतना कहना चाहता हूं कि जो कुछ है, वह सब आपके प्यार, समर्थन, सहयोग और विश्वास की बदौलत है.'

पूरी तरीके से इको फ्रेंडली है छठ
अपने संदेश में लालू ने कहा कि छठ महापर्व पूरे तरीके से इको फ्रेंडली, समतावादी और समाजवादी सोच के प्रतीक का पर्व है. इसमें किसी पंडित या पुरोहित की जरूरत नहीं होती. इस पर्व में इस्तेमाल होने वाली तमाम चीजें प्राकृतिक होती हैं. छठ में इस्तेमाल होने वाली तमाम चीजें हर आय वर्ग की अप्रोच में होता है.

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लालू के परिवार ने इस बार नहीं मनाया छठ
बता दें, लालू प्रसाद यादव के परिवार में इस बार छठ का पर्व नहीं मनाया गया है. राबड़ी देवी ने स्वास्थ्य कारणों से इस बार ये व्रत नहीं रखा. उन्होंने कहा कि दोनों बेटों की शादी के बाद ही वह अब छठ का व्रत रखेंगी.

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