गुजरात में GCTOC एक्ट के तरह पहली कार्रवाई, गैंगेस्टर विशाल समेत 7 पर केस दर्ज

गुजरात पुलिस ने उगाही करने के आरोप में गुजरात कंट्रोल ऑफ टेररिज्म एंड ऑर्गेनाइज्ड क्राइम कानून के तहत पहली बार 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

गोपी घांघर

  • अहमदाबाद,
  • 16 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 10:41 AM IST

  • 1 दिसंबर को लागू हुआ था गुजरात कंट्रोल ऑफ टेररिज्म एंड ऑर्गेनाइज्ड क्राइम
  • गुजरात सरकार ने संगठित अपराध के खिलाफ कार्रवाई के लिए बनाया है कानून
गुजरात कंट्रोल ऑफ टेररिज्म एंड ऑर्गेनाइज्ड क्राइम (GCTOC)  एक्ट के तहत पहली बार कार्रवाई की गई है. बुधवार को गुजरात पुलिस ने बताया कि उगाही करने के आरोप में GCTOC कानून के तहत 7 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इस मामले में गैंगेस्टर विशाल गोस्वामी और उसके 6 सहयोगियों के खिलाफ दर्ज किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि गुजरात कंट्रोल ऑफ टेररिज्म एंड ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट एक दिसंबर 2019 को लागू हुआ था.

स्पेशल पुलिस कमिश्नर अजय तोमर ने बताया कि गैंगेस्टर विशाल गोस्वामी और उसके दो सहयोगी अजय व रिंकू फिलहाल गुजरात की अहमदाबाद सेंट्रल जेल में बंद हैं. इसके अलावा विशाल गोस्वामी के चार सहयोगियों को बुधवार को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि आरोपियों ने संगठित क्राइम सिंडिकेट बना रखा था और जेल के अंदर से मोबाइल फोन के जरिए जबरन वसूली का रॉकेट चला रहे थे.

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स्पेशल पुलिस कमिश्नर अजय तोमर ने बताया कि क्राइम ब्रांच की टीम ने खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई की और गैंगेस्टर विशाल गोस्वामी के इशारे पर संगठित क्राइम सिंडिकेट चलाने वाले गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने बताया कि विशाल गोस्वामी समेत जेल में बंद तीन आरोपी भी साजिश में शामिल रहे. यह गिरोह कारोबारियों को निशाना बनाता था. जेल में बंद आरोपी मोबाइल फोन, व्हाट्सऐप और मैसेज के जरिए धमकी देते थे.

पुलिस को जेल में बंद आरोपियों के पास से तीन मोबाइल फोन, दो सिम कार्ड और एक नोटबुक बरामद हुई है. इसके अलावा पुलिस ने मामले में 20 मोबाइल फोन, 50 हजार नकदी, 40 कारतूस, एक मोटरसाइकिल और एक कार भी जब्त किया है. गैंगेस्टर विशाल गोस्वामी और उसके साथी साल 2012 के एक मामले में सात साल जेल की सजा काट रहे हैं. स्पेशल पुलिस कमिश्नर अजय तोमर ने बताया कि विशाल गोस्वामी और उसके गैंग के खिलाफ गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में 50 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. आरोपियों पर गवाहों को भी धमकाने का आरोप है.

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तोमर ने  बताया कि आरोपियों के खिलाफ गुजरात कंट्रोल ऑफ टेररिज्म एंड ऑर्गेनाइज्ड क्राइम के अलावा भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी की भी विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.

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