बिहार: 'प्रोडिकल साइंस' में टॉप कराने वाले बच्चा राय की 10 करोड़ की संपत्ति जब्त

बिहार के टॉपर्स घोटाले का मास्टरमाइंड बच्चा राय की 28 संपत्तियां सीज की गई हैं. इनकी कीमत 10 करोड़ रुपये है. इनमें जमीन के 26 प्लॉट भी शामिल है.

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टॉपर्स घोटाले का मास्टरमाइंड बच्चा राय (फोटो-आजतक/रोहित कुमार सिंह) टॉपर्स घोटाले का मास्टरमाइंड बच्चा राय (फोटो-आजतक/रोहित कुमार सिंह)

रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 16 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 9:51 AM IST

2016 में बिहार में हुए टॉपर्स घोटाले का मास्टरमाइंड बच्चा राय की 10 करोड़ की संपत्ति को प्रवर्तन निदेशालय ने जब्त कर लिया है. सोमवार (15 अक्टूबकर) को प्रवर्तन निदेशालय ने बच्चा राय की 28 संपत्तियों को सीज किया है. इनमें दो मंजिला मकान, निर्माणाधीन कॉलेज और 26 जमीन के प्लॉट हैं. जब्त संपत्तियों में हाजीपुर शहर में जमीन और दो मंजिला मकान है. इसके अलावा भगवानपुर में 13, टिहरीकला में 11 प्लॉट और पातेपुर में 2 जमीन का प्लॉट है. बता दें बच्चा राय की ज्यादातर संपत्ति अपनी पत्नी, पिता और भाई के नाम पर है.

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भगवानपुर में ही बच्चा राय का बिशुन राय कॉलेज भी है. ये वही कॉलेज है जो 2016 में उस वक्त सुर्खियों में आया था, जब यहां की छात्रा रूबी राय बिहार की आर्ट्स स्टेट टॉपर बनी थी. पॉलिटिक्ल साइंस की छात्रा रही रूबी राय ने पत्रकारों के साथ इंटरव्यू के दौरान अपने स्ट्रीम को प्रोडिकल साइंस बताया था. इस पर मीडिया में काफी हंगामा हुआ था. मीडिया की सक्रियता के बाद धीरे-धीरे परतें खुलीं तो पता चला कि टॉपर रूबी को अपने बिषय की कोई जानकारी थी ही नहीं.

बाद में इस बात का खुलासा हुआ था कि इस कॉलेज से बिहार बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा में पैसे लेकर टॉपर बनाए जाते हैं. इस पूरे गोरखधंधे में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद और अन्य अधिकारी भी शामिल थे. बच्चा राय इस केस का मास्टरमाइंड निकला. घोटाले की जांच कर रहे एसआईटी ने उस वक्त बच्चा राय के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जी तरीके से कागजात तैयार कर संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया था.

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उस वक्त आज तक ने अपने कैमरे पर दिखाया था कि कैसे इंटरमीडिएट के आर्ट्स टॉपर रूबी राय और साइंस टॉपर सौरभ कुमार को अपने विषय के बारे में कोई जानकारी नहीं थी बावजूद उसके उन्होंने बिहार बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा में टॉप किया था. घोटाले के सामने आने के बाद बिहार बोर्ड ने कार्रवाई करते हुए रूबी राय और सौरभ कुमार को टॉपर की श्रेणी से हटा दिया था. 

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