देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के स्कूल का हुआ कायाकल्प

बिहार सरकार ने 23 करोड़ रुपए की लागत की जमीन अधिग्रहीत कर 7.5 करोड़ रुपए की लागत से स्कूल के नया भवन तैयार कर दिया है. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस भवन का सोमवार को उद्घाटन किया.

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सुशील मोदी स्कूल का उद्घाटन करते सुशील मोदी स्कूल का उद्घाटन करते

सुजीत झा

  • पटना,
  • 22 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 11:57 PM IST

देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सर सच्चिदानंद सिन्हा, डॉ विधानचन्द्र राय जैसी शख्सियत पटना के जिस टीके घोष एकेडमी के छात्र रहे थे, बिहार सरकार ने उसका कायाकल्प कर दिया है.

बिहार सरकार ने 23 करोड़ रुपए की लागत की जमीन अधिग्रहीत कर 7.5 करोड़ रुपए की लागत से स्कूल के नया भवन तैयार कर दिया है. बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस भवन का सोमवार को उद्घाटन किया.

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इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य की शेष चार हजार पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की जानी है, लेकिन इसमें खुले में शौचमुक्त होने वाली पंचायतों को ही प्राथमिकता दी जा जाएगी.

मोदी ने कहा कि 2005 में जहां नौवीं कक्षा में मात्र 1.63 लाख लड़कियों का नामांकन था, वहीं अब उनकी संख्या करीब छह गुना बढ़ कर 7.13 लाख हो गई है. मध्य विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालयों में उत्क्रमित करने के लिए जमीन की कमी को देखते हुए एक से डेढ़ एकड़ की अनिवार्यता को संशोधित कर पौन एकड़ कर दिया गया है.

सुशील मोदी ने बताया कि छात्र-छात्राओं से जुड़ी सरकार की तमाम योजनाओं मसलन साइकिल, पोशाक, छात्रवृति आदि की राशि का भुगतान बैंक खातों में डीबीटी के जरिए किया रहा है. एससी, एसटी, पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को मेधावृत्ति की राशि का भुगतान संबंधित विभागों की जगह अब शिक्षा विभाग के जरिए किया जाएगा. आगामी वित्तीय वर्ष से सभी तरह की योजनाओं के लाभान्वितों को भुगतान उनके बैंक खातों को आधार से जोड़ कर किया जाएगा.

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राज्य में सभी तरह की राज्य और केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लाभान्वितों की संख्या 3.6 करोड़ है, जिनके बैंक खातों को आधार से जोड़ने की समय सीमा को बढ़ा कर 31 मार्च तक कर दिया गया है.

 

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