बिहार: RJD प्रदेश अध्यक्ष को तेज प्रताप ने बताया हिटलर, बोले- कुर्सी किसी की बपौती नहीं

छात्र आरजेडी के कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान तेज प्रताप का गुस्सा एक बार फिर से आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ फूटा और उन्होंने उन्हें मंच से ही हिटलर कह दिया.

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आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष पर फूटा तेज प्रताप का गुस्सा ( PTI) आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष पर फूटा तेज प्रताप का गुस्सा ( PTI)

रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 08 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 12:32 AM IST
  • आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष पर फूटा तेज प्रताप का गुस्सा
  • बोले- कुर्सी किसी की बपौती नहीं

राष्ट्रीय जनता दल के लिए रविवार का दिन विवादों से भरा रहा. पहले जहां छात्र आरजेडी के एक कार्यक्रम के पोस्टर में तेज प्रताप यादव को प्रमुखता दी गई और उनके छोटे भाई और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को जगह तक नहीं मिलने पर विवाद हुआ, वहीं शाम होते-होते उसी कार्यक्रम में तेज प्रताप ने एक विवादित बयान देकर आरजेडी में नया बवाल खड़ा कर दिया.

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छात्र आरजेडी के कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान तेज प्रताप का गुस्सा एक बार फिर से आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के खिलाफ फूटा और उन्होंने उन्हें मंच से ही हिटलर कह दिया.

आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष पर फूटा तेज प्रताप का गुस्सा

जगदानंद सिंह के खिलाफ तेज प्रताप का गुस्सा इस बात को लेकर भी दिखा कि उनके कार्यकाल में आरजेडी कार्यालय का मुख्य द्वार प्रदेश अध्यक्ष की मर्जी से खुलता और बंद होता है. जगदानंद सिंह के खिलाफ बोलते हुए तेजप्रताप यहीं नहीं रुके और उन्होंने उन्हें चेतावनी भी दे डाली कि कुर्सी किसी की बपौती नहीं होती है.

तेज प्रताप यादव ने कहा, “जगदानंद सिंह सब जगह जाकर के हिटलर की तरह बोलते हैं. पार्टी कार्यालय में पहले मैं जब आता था उस वक्त और अब में जमीन आसमान का फर्क आ गया है. जब पिताजी यहां थे तो पार्टी का गेट हमेशा खुला रहता था मगर उनके जाने के बाद बहुत लोगों ने  मनमानी करनी शुरू कर दी है. कुर्सी किसी की बपौती नहीं है”.

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तेज प्रताप ने क्यों खोला मोर्चा?

इस घटना से पहले भी कई बार तेज प्रताप यादव ने जगदानंद सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला है और उनकी कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं. बीच-बीच में ऐसी खबरें भी आती रही हैं कि तेज प्रताप की हरकतों से परेशान होकर जगदानंद सिंह ने प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है मगर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद के मान-मनौव्वल के बाद वह अपने पद पर बने रहे.

तेजस्वी के लिए क्या संदेश?

अब “जगदानंद सिंह, तेजस्वी यादव के करीबी माने जाते हैं. जैसा तल्ख अंदाज तेज ने दिखाया है, ऐसा कुछ कभी भी तेजस्वी की तरफ से देखने को नहीं मिला. वहीं बिहार की राजनीति में तेजस्वी बनाम तेज की अंदरूनी लड़ाई भी किसी से छिपी नहीं है, इसी वजह से तेज प्रताप का ये बयान फिर आरजेडी के अंदर ही एक नए तूफान को हवा दे रहा है जिसके सियासी मायने साफ महसूस किए जा सकते हैं.

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