बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग एक्टिव मोड में है. निर्वाचन आयोग ने राज्य अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश चुनाव के मद्देनजर दिए हैं. बिहार में 11 चरणों में पंचायत के चुनाव हो रहे हैं, जिसके संबंध में 24 अगस्त को अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. शांतिपूर्ण तरीके से पंचायत चुनाव आयोजित हो सकें, इसके लिए निर्वाचन आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है.
राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि पंचायत चुनाव पूरी तरह से निष्पक्षता और स्वतंत्रता के साथ आयोजित कराए जाएं. आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि असामाजिक, उपद्रवी और अशांति पैदा करने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. ग्रामीण इलाकों में पुलिस को गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं.
निर्वाचन आयोग के आदेश के मुताबिक पुलिस और प्रशासन संवेदनशील जगहों को चिन्हित करे. लंबित गैरजमानती वारंट का निष्पादन किया जाए, वहीं फरार अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर लिया जाए. वहीं चुनाव संबंधित आपराधिक मामलों का भी डाटा बेस तैयार करने का निर्देश निर्वाचन आयोग ने दिया है. आयोग ने बीते चुनाव से सबक लेने को कहा है, जिससे फिर गलतियां न दोहराई जाएं.
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कर्मचारियों की अधिकतम 4 बार लगेगी ड्यूटी
राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक पंचायत चुनाव के दौरान एक कर्मचारी अधिकतम चार चरण के चुनाव में तैनात किया जाएगा. आयोग के घोषित चुनाव शेड्यूल के मुताबिक एक जिले में कई चरणों में चुनाव होने हैं. इससे पहले तीन चरणों में ही कर्मियों को लगाए जाने के निर्देश दिए गए थे. राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त जिलाधिकारियों और सह जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिशा निर्देश दिया है कि कर्मचारियों की कमी की दशा में एक मतदान अधिकारी, मतगणना कर्मी, पेट्रोलिंग मजिस्ट्रेट और माइक्रो ऑब्जर्वर को अधिकतम चार चरणों के मतदान में ही लगाया जाएगा.
महिला कर्मी की तैनाती अनिवार्य!
आयोग के सचिव मुकेश कुमार सिन्हा ने अपने आदेश में कहा है कि हर मतगणना टेबल पर एक महिला कर्मी को मतगणना सहायक के रूप में तैनात करना अनिवार्य है. साथ ही ईवीएम के मतगणना टेबल पर एक माइक्रो ऑब्जर्वर को जरूर तैनात किया जाए. बिहार में इस बार का पंचायत चुनाव ईवीएम और बैलेट पेपर दोनों से हो रहा है.
सुजीत झा