'शराबबंदी पर सब मेरे खिलाफ, पियोगे तो मरोगे', बिहार के राजनीतिक दलों पर भड़के नीतीश

बिहार में शराबबंदी होने के बावजूद जहरीली शराब से हो रही मौतों को लेकर घिरे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजनीतिक पार्टियों पर भड़क गए हैं. नीतीश कुमार ने सोमवार को भड़कते हुए कहा कि शराबबंदी पर कुछ लोग मेरे खिलाफ हो गए हैं. राजनीतिक दलों को 'शराब पियोगे तो मरोगे' यही बात प्रचारित करना चाहिए.

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शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार लगातार घिरे हुए हैं. (फाइल फोटो) शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार लगातार घिरे हुए हैं. (फाइल फोटो)

रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 15 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 3:26 PM IST

बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban) के बावजूद जहरीली शराब से हो रही मौतों (Spurious Liquor Death) को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) लगातार घिरे हुए हैं. सोमवार को नीतीश ने राजनीतिक दलों पर भड़कते हुए कहा कि शराबबंदी (Alcohol Ban) पर कुछ लोग मेरे खिलाफ हो गए हैं. राजनीतिक दलों को 'शराब पियोगे तो मरोगे' यही बात प्रचारित करना चाहिए.

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पिछले हफ्ते बिहार के गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से करीब 40 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद से ही नीतीश कुमार को लगातार घेरा जा रहा है. इस कांड पर विरोधियों के अलावा उनकी सहयोगी बीजेपी ने भी घेरते हुए शराबबंदी कानून पर पुनर्विचार करने की मांग की थी. 

राजनीतिक पार्टियों की ओर से लगातार घिर रहे नीतीश कुमार ने भड़कते हुए कहा कि शराबबंदी सभी दलों की सर्वसम्मति से लागू किया गया है, लेकिन अब कुछ लोग मेरे खिलाफ हो गए हैं. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को 'शराब पियोगे तो मरोगे' वाली बात प्रचारित करना चाहिए. 

नीतीश ने कहा कि शराब कितनी गंदी चीज है, ये लोगों को समझना चाहिए. उन्होंने कहा कि शराबबंदी पर फिर से व्यापक जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है. 

मंगलवार को बुलाई बड़ी बैठक

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इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को एक बड़ी बैठक बुलाई है. इस बैठक में शराबबंदी कानून की समीक्षा की जाएगी. इसके साथ ही जहरीली शराब पीने से जो मौतें हुई हैं, उन घटनाओं पर भी चर्चा की जाएगी. इस बैठक में बिहार सरकार (Bihar Government) के सभी मंत्री भी शामिल होंगे. साथ ही सभी जिलों के डीएम और एसपी भी इस बैठक में हिस्सा लेंगे.

2016 में आया था शराबबंदी का कानून

2015 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने शराबबंदी करने का वादा किया था. चुनाव बाद जब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने तो 2016 में उन्होंने शराबबंदी को लेकर कानून बनाया. इसके तहत बिहार में शराब पीना और बेचना दोनों प्रतिबंधित है. साथ ही ऐसा करते हुए पाए जाने पर कड़ी सजा का प्रावधान भी है. लेकिन उसके बावजूद भी जहरीली शराब पीने से मौतों की घटनाएं सामने आने से नीतीश सरकार लगातार घिरती रही है. हाल ही में जब गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से मौतें हुईं तो बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने कहा था कि शराबबंदी कानून को लागू हुए कई साल बीत चुके हैं और अब इस पर एक बार पुनर्विचार करने की जरूरत है.

 

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