बिहार में बारिश का कहर: कहीं दीवार गिरी तो कहीं पेड़, 10 लोगों की मौत

बिहार में भारी बारिश का कहर जारी है. भागलपुर में बारिश के चलते दीवार गिरने की खबर है, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई है जबकि कुछ लोगों के मलबे में दबने की आशंका है. वहीं खगौल में भारी बारिश की वजह से एक पेड़ गिर गया. इस हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई है.

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खगौल में पेड़ गिरने से 4 लोगों की मौत हो गई (फोटो-एएनआई) खगौल में पेड़ गिरने से 4 लोगों की मौत हो गई (फोटो-एएनआई)

सुजीत झा

  • पटना,
  • 29 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 3:19 PM IST

  • भागलपुर में दीवार गिरने से 6 मरे, खगौल में पेड़ की नीचे दबे 4 शख्स
  • 4 दिनों से मूसलाधार बारिश की चपेट में है बिहार

बिहार में भारी बारिश का कहर जारी है. भागलपुर में बारिश के चलते तीन अलग-अलग जगहों पर दीवार गिरने की खबर है, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई है जबकि कुछ लोगों के मलबे में दबने की आशंका है. बरारो थाना क्षेत्र के बड़ी खंजरपुर में दीवार गिरने से दो लोगों की मौत हुई है. वहीं खगौल में भारी बारिश की वजह से एक पेड़ गिर गया. इस हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई है.

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भागलपुर में मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है. राज्य आपदा प्रबंधन बल रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गया है. रिपोर्ट के मुताबिक कई लोगों के यहां दबे होने की आशंका है. बता दें कि भागलपुर में पिछले चार दिनों से लगातार बारिश हो रही है.

बारिश की वजह से एक दुखद खबर बिहार के खगौल से आई है. यहां पर भारी बारिश की वजह से एक ऑटो पर एक पेड़ गिर गया. इस हादसे में ऑटो में बैठे 4 लोगों की मौत हो गई है. खगौल भारी बारिश की चपेट में है. राहत एजेंसियां पेड़ को सड़क से हटाने की कोशिश कर रही हैं. पिछले मात्र कुछ घंटों में बिहार में बारिश से 10 लोगों की मौत हो चुकी है.

पटना में 1975 के बाढ़ जैसा भयावह दृश्य

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पटना के राजेंद्रनगर की स्थिति काफी भयावह है. पिछले 3 दिनों से हो रही बारिश से इस इलाके में इतना पानी जमा हो गया है कि लोगों ने कभी सपने में नही सोचा था. 1996-97 में राजेंद्रनगर में नाव चली थी लेकिन इतना पानी किसी ने नही देखा था.  1975 में पटना में जो बाढ़ आई थी ठीक वैसा ही नजारा आज राजेंद्रनगर में दिख रहा था.

पटना में बाढ़ का दृश्य

40-40 घंटों से बाढ़ में फंसे हैं लोग

सभी घरों के ग्राउंड फ्लोर पानी में है. गाड़ियां जलमग्न हो गईं हैं. राजधानी के संप हाउस में पानी जाने की वजह से यहां की मशीनरी काम नहीं कर रही है. पिछले 40-40 घंटों से लोग घरों में फंसे हुए हैं. बिजली की सप्लाई घंटों से काट दी गई है, पीने की पानी की भी घोर किल्लत मची है. बच्चे दूध के लिए रो रहे हैं.  NDRF और SDRF की टीमें 16 बोट के जरिए लोगों को निकालने का काम कर रही है, लेकिन भारी आबादी को देखते हुए ये संख्या नाकाफी हो रही है.

दुकान में घुसा पानी

बाढ़ प्रभावितों को बोट से पीने का पानी मुहैया कराया जा रहा है, लेकिन अब इन इलाकों में खाने पीने की किल्लत शुरू हो गई है. सड़कों पर 6 से 8 फीट पानी है. चौराहे डूब गए है. ऐसी विकट परिस्थिति में प्रशासन भी लाचार दिख रहा है. इस इलाके में काफी संख्या में होस्टल है. वहां से छात्र-छात्राओं को निकाला जा रहा है. मोईनुल हक स्टेडियम में भी पानी भरा हुआ है.

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