बिहारः पटना हाईकोर्ट का सवाल- कैसे पुष्टि के बाद बढ़ी मृतकों की संख्या, सूत्र बताए सरकार

मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने कोरोना संक्रमण से मौत के आंकड़ों में वृद्धि को लेकर विस्तृत सुनवाई की. कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि वह इस मामले पर जवाब दाखिल करे और अपने सूत्र की जानकारी भी दे जिससे पुष्टि करने के बाद सरकार ने मौत की संख्या में वृद्धि दिखाई है.

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पटना हाईकोर्ट (फाइल फोटो) पटना हाईकोर्ट (फाइल फोटो)

रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 13 जून 2021,
  • अपडेटेड 3:08 PM IST
  • मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने की सुनवाई
  • क्या की गई मृतकों के दस्तावेज की पुष्टि- हाईकोर्ट

बिहार में कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण हो रही मौतों को लेकर पटना हाईकोर्ट सख्त है. बिहार सरकार की ओर से अचानक ही कोरोना के कारण हुई मौतों की तादाद में करीब 4000 की वृद्धि की गई थी. सरकार ने हाईकोर्ट को ये जानकारी दी थी. इसके बाद से ही पटना हाईकोर्ट लगातार सरकार की खिंचाई कर रहा है. शनिवार को इस मुद्दे पर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई की.

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मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने कोरोना संक्रमण से मौत के आंकड़ों में वृद्धि को लेकर विस्तृत सुनवाई की. कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि वह इस मामले पर जवाब दाखिल करे और अपने सूत्र की जानकारी भी दे जिससे पुष्टि करने के बाद सरकार ने मौत की संख्या में वृद्धि दिखाई है. हाईकोर्ट ने सरकार से यह भी जानकारी मांगी है कि क्या संक्रमण से हुई मौतों के आंकड़ों में इजाफा दिखाने से पहले क्या मरने वाले लोगों के मृत्यु प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज की पुष्टि की गई थी?

हालांकि, पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए कोई समय सीमा नहीं दी है. गौरतलब है कि 17 मई को मामले की सुनवाई करते हुए बिहार में संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या कम बताने को लेकर हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाई थी. हाईकोर्ट की फटकार के बाद एक्टिव मोड में आई सरकार ने कोरोना से जान गंवाने वालों का ऑडिट कराना शुरू किया था.

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पूरे प्रदेश में 18 मई से शुरू कराए गए ऑडिट के बाद सरकार ने इसी सप्ताह की शुरुआत में खुलासा किया था करीब 4000 लोगों की मौत का सरकारी फाइलों में जिक्र नहीं है. ये मौतें भी कोरोना के कारण हुई हैं. सरकार के इस खुलासे को लेकर शुक्रवार को भी पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई की थी. पटना हाईकोर्ट ने मौत के आंकड़ों में जबरदस्त वृद्धि पर चिंता जताई थी और इसे गंभीर मामला बताया था.

 

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