जदयू के नेता नीतीश कुमार ने बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके साथ ही राजद नेता और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव दूसरी बार डिप्टी सीएम बन गए हैं. राज्यपाल फागू चौहान ने राजभवन में दोनों नेताओं को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. शपथ ग्रहण के बाद तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के पैर भी छुए. 22 साल में यह 8वां मौका है, जब नीतीश कुमार राज्य के सीएम बने हैं. वे साल 2000 में सबसे पहले 7 दिनों के लिए सीएम बने थे.
बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में आठवीं बार शपथ लेने के बाद नीतीश कुमार ने बुधवार को पहली कैबिनेट बैठक बुलाई है. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ बैठक में नीतीश कुमार ने अपना बहुमत साबित करने के लिए 24 अगस्त को विधानसभा का विशेष सत्र और 25 अगस्त को विधान परिषद बुलाने का प्रस्ताव पारित किया. बिहार के राज्यपाल फागू चौहान को प्रस्ताव से अवगत करा दिया गया है.
सर्वे में बिहार के सीएम फेस के लिए जब पुरुषों की राय ली गई तो वहां भी नीतीश को झटका ही लगा. बिहार के 41.8 फीसदी पुरुष सीएम पद के लिए तेजस्वी को अपनी पहली पसंद मान रहे हैं. वहीं नीतीश के खाते में सिर्फ 23.8 फीसदी वोट जा रहे हैं. बीजेपी यहां भी सबसे ज्यादा पीछे चल रही है और सिर्फ 19.6 प्रतिशत पुरुषों का समर्थन मिल रहा है.
बिहार के राजनीतिक फेरबदल पर आजतक और C-VOTER ने एक सर्वे किया. इस सर्वे में लोगों से जाना कि बिहार में मुख्यमंत्री की पहली पसंद कौन है? इस सवाल के जवाब में 43 फीसदी लोगों ने तेजस्वी यादव को बेहतर मुख्यमंत्री माना है. सर्वे के मुताबिक वर्तमान में नीतीश को सिर्फ 24 प्रतिशत लोग मुख्यमंत्री की पहली पसंद मान रहे हैं. वहीं अगर बीजेपी का कोई भी चेहरा मुख्यमंत्री बने तो उसे 19 फीसदी लोग अपनी पसंद बता रहे हैं.
नीतीश कुमार ने सीएम की शपथ लेने के बाद नड्डा पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी को लगता था विपक्ष खत्म हो जाएगा. लेकिन अब हम भी विपक्ष में हैं. इतना ही नहीं नीतीश कुमार ने मोदी का नाम लिए बिना उनपर निशाना साधा. नीतीश कुमार ने कहा कि 2014 में आने वाले, 2024 में रहेंगे तब ना. उन्होंने कहा, हम रहें या न रहें वे 2024 में नहीं रहेंगे. नीतीश कुमार ने कहा कि मैं विपक्ष को 2024 के लिए एकजुट होने की अपील करता हूं. हालांकि, पीएम पोस्ट के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं ऐसे पद के लिए उम्मीदवार नहीं हूं.
तेजस्वी यादव ने शपथ लेने के बाद नीतीश कुमार के पैर छूकर आशीर्वाद लिया
तेजस्वी यादव दूसरी बार डिप्टी सीएम बने.
नीतीश कुमार ने 8वीं बार बिहार के सीएम पद की शपथ ली.
राबड़ी देवी ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं. ये सब आप लोगों की वजह से ही हुआ है. इतना ही नहीं इस दौरान राबड़ी ने कहा कि पुराना सब माफ है.
नीतीश कुमार थोड़ी देर में सीएम पद की शपथ लेंगे. इसके साथ ही तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम पद की शपथ लेंगे. बताया जा रहा है कि आज सिर्फ इन दोनों नेताओं को ही शपथ दिलाई जाएगी. उधर, शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए राबड़ी देवी अपने परिवार के साथ राजभवन में पहुंचीं. उनके साथ तेजस्वी की पत्नी भी मौजूद रहीं.
नीतीश कुमार ने शपथ ग्रहण से पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से फोन पर बात की है. बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार ने लालू यादव को राज्य में राजनीतिक घटनाक्रम की जानकारी दी. इस दौरान लालू यादव ने नीतीश कुमार के फैसले का स्वागत किया और उन्हें बधाई दी.
राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा, मेरा मानना है कि बिहार में जो ताजा राजनीतिक घटनाक्रम है वह सिर्फ राज्य के स्तर पर है. मुझे नहीं लगता कि यह देश में राष्ट्रीय स्तर पर वैकल्पिक विपक्ष बनाने के विचार के बाद किया गया है.
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में जो कुछ भी हुआ, उसे देखकर नीतीश कुमार ने ये सोचा होगा कि अगर वे बीजेपी के साथ रहते हैं तो उनके साथ क्या होगा? इसलिए उन्होंने तुरंत इस्तीफा दिया और बीजेपी से अपने रिश्ते खत्म कर लिए.
बताया जा रहा है कि बिहार विधानसभा के नए स्पीकर आरजेडी कोटे से होंगे.
RJD के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा, ये सिर्फ सरकार शपथ नहीं लेने जा रही है बल्कि 2017 से लेकर 2020 तक के जनादेश की घर वापसी हो रही है. ये बहुत महत्वपूर्ण है ऐसे दौर में जब मौजूदा भाजपा ने ये तय कर लिया है कि लोकतांत्रिक मूल्यों को क्षत-विक्षत करना है. बिहार ने एक संदेश दिया है.
सूत्रों के मुताबिक, सरकार गठन के फॉर्मूले पर बात बन गई है. नीतीश कुमार ने महागठबंधन की पार्टियों से साफ कर दिया है कि जो विभाग जदयू के पास थे, वे उनके पास ही रहेंगे. जबकि जो मंत्रालय बीजेपी के पास थे, वे आरजेडी और कांग्रेस के पास जाएंगे. वहीं, जीतन राम मांझी के पास जो मंत्रालय थे, वे उनके पास ही रहेंगे.
नीतीश कुमार गृह मंत्रालय अपने पास ही रखेंगे. सूत्रों के हवाले से यह खबर आ रही है. बताया जा रहा है कि तेजस्वी यादव लगातार गृह मंत्रालय राजद को सौंपने के लिए दबाव डाल रहे थे. हालांकि, अब खबर आ रही है कि गृह मंत्रालय जदयू के हिस्से में ही रहेगा.
- नीतीश कुमार साल 2000 में सबसे पहले सीएम बने थे. तब जदयू और बीजेपी गठबंधन को 151 सीटें मिली थीं. हालांकि, 324 सीटों वाले राज्य में बहुमत के लिए 163 सीटें चाहिए थीं. नीतीश कुमार को समझ आ गया था कि वे बहुमत साबित नहीं कर पाएंगे. ऐसे में उन्होंने इस्तीफा दे दिया. वे तब 7 दिन सीएम रहे थे.
- नीतीश कुमार ने 2005 में सत्ता में वापसी की. वे बीजेपी के साथ गठबंधन में बहुमत हासिल करने में सफल रहे. उन्होंने 2010 तक अपना कार्यकाल पूरा किया.
- 2010 में नीतीश कुमार पर जनता ने एक बार फिर भरोसा किया. उन्होंने तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली.
- 2014 में नीतीश कुमार ने लोकसभा में पार्टी के बुरे प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया.
- NDA से अलग होने और 2014 के लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद नीतीश कुमार ने CM पद से इस्तीफा देकर जीतन राम मांझी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया था.
फरवरी 2015 को नीतीश कुमार से नाराज जीतन राम मांझी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. नीतीश कुमार फिर सीएम बने.
- 2015 में विधानसभा चुनाव हुआ तो नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ चुनाव लड़े. नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन को बहुमत मिला. नीतीश कुमार सीएम बने.
- 2017 में नीतीश कुमार ने नैतिकता का हवाला देकर महागठबंधन सरकार से इस्तीफा दे दिया. नीतीश कुमार ने इसके बाद बीजेपी के साथ आकर सरकार बनाई. नीतीश 6वीं बार सीएम बने.
- 2020 में विधानसभा चुनाव हुए. जदयू और बीजेपी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा. एनडीए की सरकार बनी. हालांकि, जदयू 45 सीटों पर सिमट गई. इसके बावजूद नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में एनडीए सरकार बनी.
- अब नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया है. वे महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रहे हैं.
शुरुआत में कहा जा रहा था कि सिर्फ नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ही शपथ लेंगे. अब बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के साथ 3 से 5 मंत्री भी शपथ ले सकते हैं. जदयू और आरजेडी के अलावा कांग्रेस को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. इतना ही नहीं लेफ्ट पार्टियों CPIML(L), CPI , CPI(M) ने सरकार को बाहर से समर्थन देने का ऐलान किया है .