बिहार में बाढ़ की वजह से स्थिति बिगड़ी हुई है. इस बीच राज्य के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने बाढ़ पर कहा कि बिहार में कोई समस्या नहीं है, बल्कि नेपाल में ज्यादा बारिश होने से समस्या खड़ी हुई है. हमारा लक्ष्य टूटे डैम के पुनर्निमाण का है.
बहरहाल, बिहार की प्रमुख नदियों के जलस्तर में कमी आई है, लेकिन बाढ़ का प्रकोप अभी भी बना हुआ है. राज्य के 12 जिलों के अधिकांश क्षेत्रों में घरों और खेतों में बाढ़ का पानी भर गया है, जिसके कारण हजारों लोग बेघर हो गए हैं. इस बीच, बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत राशि भेजा जाना शुरू हो गया है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य के 12 जिलों के 97 प्रखंडों के 921 पंचायतों में बाढ़ का पानी फैला हुआ है, जिससे 55 लाख से ज्यादा की जनसंख्या प्रभावित है. बाढ़ से अब तक 78 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों घर तबाह हो चुके हैं.
एक तरफ कई इलाकों में बाढ़ का पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ कुछ नए स्थानों में बाढ़ का पानी फैल रहा है. पानी कम होने से गांवों को जोड़ने वाली सड़कें और पुल-पुलिया बह चुके हैं. बिहार जल संसाधन विभाग के मुताबिक, बिहार में नेपाल से आने वाली कोसी नदी सहित कई नदियों के जलस्तर में शुक्रवार को कमी दर्ज की गई.
जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि नदियों के जलस्तर में कमी आई है, लेकिन अभी भी बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, अधवारा और महानंदा नदी कई स्थानों पर खतरे के निशान के ऊपर बह रहीं हैं. जलसंसाधन विभाग द्वारा तटबंधों पर लगातार गश्ती करवाई जा रही है.
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