कोरोना संकट से पूरा देश परेशान है. बिहार में भी कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है और हालात दिन-ब दिन बिगड़ते जा रहे हैं. कोरोना की रफ्तार पर काबू पाने के लिए नाइट कर्फ्यू लगा रखा है, लेकिन नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार पूर्ण लॉकडाउन लगाने को लेकर विचार कर रही है. नीतीश के दो सहयोगी बीजेपी और वीआईपी राज्य में लॉकडाउन लगाने की मांग कर रहे हैं तो तीसरे सहयोगी पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और उनकी पार्टी ने लॉकडाउन लगाने के लिए बड़ी शर्त रख दी है. इस तरह से लॉकडाउन को लेकर सत्ताधारी गठबंधन एनडीए में सहमित नहीं बन पा रही है जबकि विपक्षी दल आरजेडी पहले ही लॉकडाउन लगाने की बात कह चुकी है.
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मंगलवार को दोनों डिप्टी सीएम, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और आला अधिकारियों के साथ जुड़कर एक हाई लेवल मीटिंग की थी, जो कोरोना संक्रमण को लेकर थी. इसके पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को भी कोरोना के मुद्दे पर समीक्षा बैठक की थी. समीक्षा बैठक के बाद मुख्यमंत्री राजधानी पटना का जायजा लेने भी निकले थे.
स्वास्थ्य मंत्री ने कही लॉकडाउन पर विचार की बात
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा था कि राज्य के हालत को देखते हुए सरकार लॉकडाउन पर विचार कर सकती है. हालांकि, पटना एम्स के डाक्टरों ने पिछले दिनों नीतीश सरकार को सलाह दी थी कि जल्द से जल्द तीन सप्ताह का पूर्ण लॉकडाउन लगाया जाए. मई के पहले सप्ताह में कोरोना पीक पर रहेगा, जिसके चलते सरकार को सचेत रहने की जरूरत है. ऐसे में नीतीश सरकार लॉकडाउन लगाने पर फैसला करती, उससे पहले ही एनडीए में तकरार शुरू हो गया है. हालांकि, मुख्य विपक्षी दल आरजेडी ने लॉकडाउन लगाने की मांग पहले ही कर चुकी है.
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हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा है, 'मैं लॉकडाउन का तभी समर्थन करूंगा जब तीन महीने तक सबका बिजली और पानी बिल माफ किया जाए, साथ ही किराएदारों का किराया, बैंक लोन की EMI और कॉलेजों की फीस भी माफ की जाए. मांझी ने कहा कि किसी को शौक नहीं है कि वह बाहर जाए, पर रोटी और कर्ज जो न कराए.' अपने ट्वीट के अंत में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने लिखा कि यह बात AC वाले लोग नहीं समझेंगे.
वहीं, बिहार बीजेपी अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल व नीतीश सरकार में मंत्री व भाजपा विधायक रामसूरत राय बिहार में पहले ही लॉकडाउन लगाने का समर्थन कर चुके हैं. राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने कहा था कि राज्य में लॉकडाउन लगाकर ही कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ी जा सकती है. रामसूरत ने कहा था कि बिहार में कोरोना से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. ऐसे में महज नाइट कर्फ्यू लगाने से संक्रमण कम नहीं होगा बल्कि बिहार में संपूर्ण लॉकडाउन लगना चाहिए.
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि पिछले कई दिनों से कई पार्टी के लोग AC कमरो में बैठकर सरकार को यह कह रहे हैं कि बिहार में लॉकडाउन लागू कर दीजिए. हमारी पार्टी के नेता जीतनराम मांझी ने कहा कि लॉकडाउन का वह स्पष्ट रूप से समर्थन करेंगे, अगर सरकार गरीब समेत आमलोगों के बिजली, पानी, लोन, स्कूल और किराना के बिल को तीन महीने के लिए माफ कर दे.
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बिहार के वरिष्ठ पत्रकार संजय सिंह कहते हैं कि बिहार में कोरोना के मामले हर रोज बढ़ रहे हैं और राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का क्या हाल है पूरा देश जानता है. ऐसे में एनडीए सरकार कोरोना से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने के बजाय आपस में ही लड़ रही है. ये पहली बार आपस में नहीं लड़ रहे हैं बल्कि जब नाइट कर्फ्यू लगाया गया था तब भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिली थी. जेडीयू और बीजेपी के नेता आमने-सामने आ गए थे. यह एनडीए की सोची समझी रणनीति नजर आती है. जीतनराम मांझी को नीतीश कुमार ही लेकर आए हैं और वो नीतीश की बात को नहीं मानेंगे, यह बात किसी को समझ में नहीं आ रही है. बिहार में एनडीए के चारों दलों को आपस में लड़ने और टकराव करने के बजाय कोरोना से निपटने के लिए काम करने की जरूरत है.
कोरोना को लेकर एनडीए के बीच चल रहे इस वार-पलटवार को दोनों दलों के बीच की आंतरिक खींचतान से जोड़ा जा रहा है. बिहार में अपराध व कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर बीजेपी पहले भी नीतीश सरकार को घेरती रही है. नाइट कर्फ्यू के मुद्दे पर जेडीयू के निशाने पर सीधे बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल थे. ऐसे में अब यह तो वक्त ही बताएगा कि बड़े मुद्दों पर एक-दूसरे की खिंचाई के बीच दोनों दलों के रिश्ते आगे कैसे रहेंगे.
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