नीतीश के साथ 12 साल में पहली बार हुआ ऐसा, लालू का लाल बना कारण

कैबिनेट की बैठक में सबकी नजर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर टिकी हुई थी कि सीबीआई के एफआईआर में नाम आने के बाद जिस तरीके से जनता दल यू ने कहा कि वो तथ्यों के आधार पर प्रामाणिक सबूत पेश करें. इसके बावजूद वो कैबिनेट में आते हैं या नहीं.

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बिहार के सीएम नीतीश कुमार बिहार के सीएम नीतीश कुमार

सुरभि गुप्ता / सुजीत झा

  • पटना,
  • 12 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 6:18 PM IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी साफ-सुथरी छवि के लिए जाने जाते हैं. अपने कुर्ते पर वो एक दाग, एक धब्बा तक देखना नहीं चाहते, लेकिन उसी नीतीश कुमार को कैबिनेट में एक दागी मंत्री के साथ बैठना पड़ा. 12 वर्षों में यह पहला अवसर होगा जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ये दिन देखना पड़ा है. बुधवार की कैबिनेट की बैठक में सबकी नजर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर टिकी हुई थी कि सीबीआई के एफआईआर में नाम आने के बाद जिस तरीके से जनता दल यू ने कहा कि वो तथ्यों के आधार पर प्रामाणिक सबूत पेश करें. इसके बावजूद वो कैबिनेट में आते हैं या नहीं.

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बर्खास्त करने में देर नहीं लगाते सीएम नीतीश

जेडीयू की बैठक में नीतीश कुमार ने स्पष्ट कहा था कि वो भ्रष्टाचार से समझौता नहीं कर सकते. नीतीश कुमार का पिछले 12 वर्षों का रिकॉर्ड है कि जब किसी मंत्री का नाम किसी केस या चार्जशीट में आया, उसे अपने मंत्रिमंडल से हटाने में जरा भी देरी नहीं लगाई, लेकिन तेजस्वी यादव को सोच समझ कर फैसला लेने के लिए वक्त दिया गया है. चूंकि यह एफआईआर सीबीआई ने किया है, इसलिए इस पर ज्यादा सवाल भी नहीं उठाया जा सकता क्योंकि सीबीआई जांच के बाद ही एफआईआर दर्ज करती है.

तेजप्रताप संग मीटिंग में पहुंचे तेजस्वी

इस बीच तेजस्वी यादव कैबिनेट बैठक में शामिल हुए हालांकि वो कैबिनेट शुरू होने के चंद मिनट पहले पहुंचे. उनके साथ उनके बड़े भाई और मंत्री तेजप्रताप यादव भी थे. कैबिनेट की बैठक के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तय समय से 25 मिनट पहले सचिवालय पहुंच गए. उस समय जनता दल यू के कोटे के मंत्रियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका था. आरजेडी कोटे के मंत्री काफी देरी से कैबिनेट की बैठक शुरू होने से चंद पहले आना शुरू हुए, तो कांग्रेस की तरफ से केवल पशुपालनमंत्री अवधेश सिंह दिखाई दिए.

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जल्दी खत्म हो गई बिहार कैबिनेट की बैठक

बैठक तय समय से थोड़ी देर में शुरू हुई और बहुत जल्दी खत्म भी हो गई. आमतौर पर नीतीश कुमार की कैबिनेट बैठक 1 घंटे और कभी-कभी 2 घंटे से ज्यादा भी चलती है. लेकिन ये बैठक 25-30 मिनट में ही खत्म हो गई. कैबिनेट का माहौल कुछ बदला-बदला जरूर था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बगल में ही उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की कुर्सी आज भी लगी थी, उनके बगल में तेजप्रताप यादव थे. आज दोनों युवा मंत्री काफी चुपचाप रहें. आमतौर पर कैबिनेट की बैठक में चर्चा होती है, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ.

मंगलवार को की जाती है कैबिनेट की बैठक

नीतीश कुमार ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक 11.30 बजे बुलाई थी, हालांकि ये बैठक आमतौर को मंगलवार को होती रही है, लेकिन मंगलवार को जनता दल यू के सांगठनिक बैठक थी. शायद इसलिए बुधवार को यह बैठक बुलाई गई थी या फिर नीतीश कुमार ने ये जानने के लिए भी कैबिनेट की बैठक बुलाई होगी कि तेजस्वी यादव आते हैं या नहीं.

तेजस्वी ने पेश की सफाई

तेजस्वी यादव आये भी और कैबिनेट के बाद अपनी सफाई भी पेश की. उन्होंने कहा कि उन्हें फंसाया जा रहा है उनका कहना है कि जिस समय होटल का लीज हुआ और जिस समय जमीन मिली उस समय वे 14-15 वर्ष के थे. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने एफआईआर पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के कहने पर दर्ज की है.

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सीएम नीतीश ने नहीं तोड़ी चुप्पी

इस मामले में तेजस्वी यादव तब सामने आये जब डिलाइट कंपनी के डायरेक्टर के रूप में उन्हें शेयर मिला और ये साल 2014 था. बहरहाल नीतीश कुमार ने आज भी अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी और वो कैबिनेट की बैठक के बाद हाथ जोड़ कर निकल गए. माना जा रहा है कि नीतीश कुमार अपना मन बना चुके हैं और इस मसले पर एक-दो दिनों में वो फैसला भी दे सकते हैं.

 

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