नदी ने रोकी लड़कियों की शादी, 20 साल से इस गांव में नहीं बजी शहनाई

बिहार के भागलपुर जिले में एक ऐसा गांव भी है जहां पांच सौ लड़कियों को अपने लिए दूल्हे का इंतजार है. इस गांव में कोई लड़का शादी करना नहीं चाहता है क्योंकि यहां आना जाना बेहद मुश्किल है.

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कच्चा पुल कच्चा पुल

सबा नाज़ / सुजीत झा

  • पटना,
  • 06 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 3:09 PM IST

बिहार के भागलपुर जिले में एक ऐसा गांव भी है जहां पांच सौ लड़कियों को अपने लिए दूल्हे का इंतजार है. इस गांव में कोई लड़का शादी करना नहीं चाहता है क्योंकि यहां आना जाना बेहद मुश्किल है. दूल्हे इस गांव की दुल्हन लाने की हिम्मत नही जुटा पाते हैं. वजह है एक नदी जिसका नाम है चांदन. इस नदी पर पुल न होने की वजह से आसपास के गांव के लोग इस गांव में रिश्ता नहीं करना चाहते हैं. यही वजह है कि पिछले 20 वर्षों से इस गांव में शहनाई नहीं बजी है.

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ये कहानी है सन्हौली गांव की जो भागलपुर शहर से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर है. इस गांव की आबादी लगभग 6000 की है. यह एक ऐसा गांव है जिस गांव में पिछले दो दशक से शहनाई नहीं बजी है. पिछले दो दशक से इस गांव में कोई बारात नहीं आई है. इसलिए नहीं कि इस गांव में कोई कुंवारी कन्या नहीं बल्कि बारात इसलिए नहीं आयी कि सन्हौली गांव को शहर से जोड़ने वाली कोई सड़क ही नहीं है.

सन्हौली गांव के लोग खुद चांदन नदी पर एक कच्चा पुल बनाया है जिसके सहारे वो शहर आते-जाते हैं और अपने रोजमर्रा का काम पूरा कर घर वापस लौटते हैं. गांव वाले लोगों को भी इस कच्चे पुल को पार कर शहर जाना या फिर वापस आना किसी जंग को जीतने से कम नहीं लगता. दूसरे गांव के लोग इस हकीकत से वाकिफ हैं इसलिए वो अपने लड़के की शादी इस गांव में नहीं करना चाहते. ऐसा नहीं की है कि यहां कोई मुखिया नहीं है, सरपंच नहीं या फिर यह गांव किसी विधानसभा या लोकसभा क्षेत्र से जुड़ा नहीं है. बल्कि सच्चाई ये है कि राजनेताओं ने कभी इस गांव को विकास से जोड़ने की जरुरत महसूस ही नहीं की है. पिछले साल दो बच्चों की मौत इस पुल को पार करने के दौरान नदी डूब जाने से हो गई थी.

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