बिहार: औरंगाबाद में सरकारी जमीन पर यूं हो रही फर्जीवाड़े की खेती

किसानों ने लाल धान के 106 बोरा बीज को कृषि पदाधिकारियों की ओर से व्यापारियों को बेचे जाने के दौरान पकड़ लिया. इसकी सूचना डीएम और कृषि पदाधिकारी को दे दी गई है.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

सुजीत झा

  • औरंगाबाद,
  • 07 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:53 AM IST
  • किसानों ने लगाया फर्जीवाड़े का आरोप
  • अफसरों ने दिए मामले की जांच के आदेश

बिहार में कृषि विभाग के अफसरों का नया कारनामा सामने आया है. ताजा मामला औरंगाबाद के कुटुम्बा प्रखंड के कझपा स्थित कृषि फार्म से जुड़ा है. जहां फार्म की 55 एकड़ जमीन पर कृषि अधिकारियों ने फर्जीवाड़े की खेती को अंजाम दिया और लाखों रुपये डकार गए. 

वहीं किसानों ने बीज की खेती के लिए सरकारी जमीन का प्रयोग करने और पैसे हड़पने का आरोप लगाया है. घटना सामने आने के बाद जिला कृषि पदाधिकारी रणवीर सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

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कुटुंबा प्रखंड के कझपा स्थित कृषि फार्म की 55 एकड़ जमीन पर कृषि विभाग ने किसानों को धान, गेहूं, दलहन और तिलहन की फसल का उन्नत बीज उपलब्ध कराने के लिए खेती कराई. बीज की खेती के बाद किसानों ने बीज खरीदने की प्रक्रिया बंद कर दी. किसान कृषि विभाग की ओर से बीज उपलब्ध कराए जाने वाले खेती के आसरे रह गए. लेकिन किसानों का आरोप है कि उन्हें कृषि बीज नहीं मिला. बल्कि किसानों को फार्म की ओर से उत्पादित बीज लोकल बाजार में व्यापारियों के पास मिले. 

किसानों ने लगाया बीज बेचने का आरोप

किसान रामजी सिंह ने बताया कि फार्म की ओर से बीज का उत्पादन तो किया जाता है. लेकिन किसानों को नहीं दिया जा रहा है. ये सारे बीज मोटी रकम लेकर व्यापारियों को बेचा जा रहा है. उससे मिलने वाली रकम कृषि अधिकारी अपने पास रख लेते हैं. 

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इस तरह हुआ मामले का खुलासा

इसका खुलासा तब हुआ जब गुरुवार को किसानों ने लाल धान के 106 बोरा बीज को कृषि पदाधिकारियों की ओर से व्यापारियों को बेचे जाने के दौरान पकड़ लिया. इसकी सूचना डीएम और कृषि पदाधिकारी को दे दी गई है. वहीं इस मामले में जिला कृषि पदाधिकारी ने जांच कराकर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही है.


 

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