Omicron sub-variant: ओमिक्रॉन का नया स्ट्रेन BA.2 कितना है खतरनाक? भारत में मिले 530 सैंपल्स, लोगों की बढ़ी चिंता

रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी तक यह साबित नहीं हुआ है कि BA.2 सब- वैरिएंट ओमिक्रॉन से ज्यादा खतरनाक है या नहीं.  यूकेएचएसए (UKHSA) के अनुसार, ओमिक्रॉन की तुलना में BA.2 तेजी से फैल रहा है. यूकेएचएसए ने चेतावनी दी है कि  बीए.2 का कोई खास म्यूटेशन नहीं हैं, जिसके चलते इसे डेल्टा वैरिएंट से अलग किया जा सकता है

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ओमिक्रॉन के नए स्ट्रेन BA.2 ने बढ़ाई लोगों की चिंता, जानें कितना है खतरनाक (Photo Credit: reuters ) ओमिक्रॉन के नए स्ट्रेन BA.2 ने बढ़ाई लोगों की चिंता, जानें कितना है खतरनाक (Photo Credit: reuters )

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 11:04 AM IST
  • इस नए वैरिएंट के सैकड़ों मामलों की पहचान की है.
  • भारत में इस वैरिएंट के अभी तक 530 सैंपल्स मिल चुके हैं.

भारत समेत दुनियाभर के कई देश कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से जूझ रहे हैं. लेकिन हाल ही में आए ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट BA.2 ने एक बार फिर लोगों की चिंता बढ़ा दी है. भारत में इस सब-वैरिएंट के अभी तक 530 सैंपल्स मिल चुके हैं. अभी तक ब्रिटेन में कोहराम मचा रहा ओमिक्रॉन का यह नया सब-वैरिएंट भारत के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है. आपको बता दें कि BA.2  को ओमिक्रॉन का सबसे तेजी से फैलने वाला वैरिएंट माना जा रहा है. ब्रिटिश हेल्थ अथॉरिटी ने भी ओमिक्रॉन के इस नए सब-वैरिएंट के सैकड़ों मामलों की पहचान की है. 

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होल जीनोम सीक्वेंसिंग (WGS) के जरिए ब्रिटेन में अब तक ओमिक्रॉन के BA.2 वैरिएंट के 426 मामलों की पुष्टि की गई है. साथ ही यह भी संकेत दिए हैं कि लगभग 40 देशों में भी ओमिक्रॉन के इस नए सब-वैरिएंट का पता चला है. आपको बता दें कि इसका सबसे पहला मामला 6 दिसंबर 2021 को दर्ज किया गया था.  ब्रिटेन के लंदन शहर में इसके सबसे ज्‍यादा 146 केस दर्ज किए गए हैं. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी तक यह साबित नहीं हुआ है कि BA.2 ओमिक्रॉन से ज्यादा खतरनाक है या नहीं.  यूकेएचएसए (UKHSA) के अनुसार, ओमिक्रॉन की तुलना में यह नया वैरिएंट तेजी से फैल रहा है. यूकेएचएसए ने चेतावनी दी है कि  बीए.2 का कोई खास म्यूटेशन नहीं हैं, जिसके चलते इसे डेल्टा वैरिएंट से अलग किया जा सकता है. 

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लगभग 40  देशों में ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट का पता चला है. डेनमार्क में BA.2 के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं,  डेनमार्क के अध्ययनकर्ताओं ने आशंका जताई है कि नए वैरिएंट की वजह से ओमिक्रॉन वायरस से बढ़ रही महामारी के दो अलग-अलग पीक आ सकते हैं. इस बीच जॉन हॉपकिन्स में विषाणु विज्ञानी ब्रायन जेले ने आशंका जताई कि ओमिक्रॉन का सब-वैरिएंट बीए.2 फ्रांस और डेनमार्क के बाहर पूरे यूरोप व उत्तरी अमेरिका में महामारी और बढ़ा सकता है. वहीं भारत में भी ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट के 530 सैंपल्स रिपोर्ट किए गए हैं. इसके बाद स्वीडन में 181 और सिंगापुर में 127 मामले सामने आए हैं. 

ओमिक्रॉन के BA.2 सब-वैरिएंट का पता सिर्फ जीनोम सिक्वेंसिंग के माध्यम से लगाया जा सकता है और यह ओमिक्रॉन वैरिएंट के उप-वंश में से एक का निर्माण करता है जिसे अब तीन उप-प्रकारों में विभाजित किया गया है, अर्थात् BA.1, BA.2, और BA.3. डब्ल्यूएचओ (WHO) के मुताबिक BA.1 और BA.3 के स्पाइक प्रोटीन में 69 से 70 डिलेशन हैं, जबकि BA.2 में नहीं है.

फ्रांसीसी महामारी विज्ञानी एंटोनी फ्लैहॉल्ट ने एएफपी को बताया कि वैज्ञानिक तेजी से ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट की निगरानी कर रहे हैं, उन्होंने कहा, फ्रांस ने जनवरी के मध्य में मामलों के बढ़ने की उम्मीद की थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और शायद यह इस सब-वैरिएंट के कारण है, जो BA.1 की तुलना में बहुत अधिक तेजी से फैलता है, पर अधिक घातक नहीं लगता.

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क्या BA.2 अधिक खतरनाक है?

यूकेएचएसए में कोविड -19 इंसीडेंट डायरेक्टर डॉ मीरा चंद ने कहा कि वायरस की प्रकृति हमेशा बदलती रहती है, इसलिए महामारी के चलते नए वैरिएंट के उभरने की पूरी उम्मीद है. चंद ने कहा, "अब तक, यह निर्धारित कर पाना मुश्किल है कि BA.2, ओमिक्रॉन BA.1 की तुलना में ज्यादा गंभीर है या नहीं लेकिन यूकेएचएसए इसकी जांच में जुटा हुआ है. 
 

 

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