लिवर की बीमारी दुनिया भर में सबसे गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक है. यदि भारत की बात करें तो यहां भी लिवर डिजीज तेजी से बढ़ रही हैं जिनमें फैटी लिवर सबसे कॉमन है. अनुमान है कि भारत की 35-40 प्रतिशत वयस्क आबादी फैटी लिवर से प्रभावित है और यह समस्या बच्चों में भी बढ़ रही है. लिवर की बीमारी भारत में मृत्यु का 10वां सबसे आम कारण है. क्रोनिक लिवर डिजीज की 2 सबसे अहम स्टेज लिवर फाइब्रोसिस और लिवर सिरोसिस हैं. हालांकि दोनों स्थितियां लिवर की हैं लेकिन ये डिजीज के अलग-अलग लेवल को दिखाते गहैं. लिवर फाइब्रोसिस और लिवर सिरोसिस क्या है, इस बारे में डिटेल में जानते हैं.
लिवर फाइब्रोसिस और लिवर सिरोसिस दोनों ही लिवर से जुड़ी गंभीर स्थितियां हैं जो आपस में जुड़ी हुई हैं लेकिन दोनों की गंभीरता अलग होती है. लिवर फाइब्रोसिस उस स्थिति को कहते हैं जब लिवर के टिश्यूज को बार बार चोट लगती है या सूजन के कारण उनमें घाव जैसे टिश्यूज बनने लगते हैं. यह शरीर की नेचुरल हीलिंग प्रोसेस का हिस्सा होता है लेकिन अगर डैमेज लगातार होता रहे तो लिवर फाइब्रोसिस, लिवर सिरोसिस में बदल सकता है.
लिवर सिरोसिस डिजीज की आखिरी और गंभीर स्टेज होती है जिसमें लिवर के हेल्दी टिश्यूज नष्ट होकर उनकी जगह सख्त टिश्यूज बन जाते हैं. इससे लिवर की बनावट और काम दोनों प्रभावित होते हैं. जब सिरोसिस की स्थिति बढ़ जाती है तो लिवर की खून फिल्टर करने, पोषक तत्व को प्रोसेस्ड करने और टॉक्सिन्स को बाहर निकालने की क्षमता चली जाती है. आसान शब्दों में कहें तो फाइब्रोसिस लिवर को नुकसान होने की शुरुआत है और सिरोसिस उस लिवर क्षति की आखिरी स्टेज.
लिवर फाइब्रोसिस और सिरोसिस के कारणों में लंबे समय तक शराब का सेवन, हेपेटाइटिस बी और सी इंफेक्शन, मोटापा, फैटी लिवर डिजीज, डायबिटीज और गलत खानपान शामिल है.
लक्षणों की बात करें तो शुरुआती लिवर फाइब्रोसिस में अक्सर कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिलते लेकिन सिरोसिस की स्थिति बढ़ने पर थकान, भूख न लगना, पेट में सूजन, उल्टी, त्वचा और आंखों का पीला पड़ना (जॉन्डिस), वजन घटना और शरीर में खुजली जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं और इन्हें अनदेखा करने से बचना चाहिए.
लिवर फाइब्रोसिस से जब इंसान बचा रहेगा तो सिरोसिस की स्थिति ही नहीं बनेगी. इसलिए आपको लिवर फाइब्रोसिस की स्थिति से बचाव जरूरी है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि लिवर फाइब्रोसिस से बचाव के लिए सबसे पहले शराब से दूरी बनाना जरूरी है. इसके अलावा बैलेंस डाइट लें, पर्याप्त पानी नें, रोजाना एक्सरसाइज करें, वजन कंट्रोल रखें और हेपेटाइटिस के टीके लगवाएं. इससे लिवर को सेफ रखने में मदद मिलती है. साथ ही यदि आपको कोई भी लक्षण नजर आते हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें और बिना सलाह के कोई भी दवाई ना लें.
लिवर फाइब्रोसिस का मतलब चेतावनी समझिए कि आपके लिवर पर लोड पड़ रहा है और सिरोसिस की स्थिति में लिवर नुकसान अधिक हो चुका होता है. यदि शुरुआती स्टेज में सही इलाज और लाइफस्टाइल रखी जाए तो फाइब्रोसिस की स्थिति को रोका या कम किया जा सकता है.
आजतक हेल्थ डेस्क