यूरिक एसिड शरीर में बनने वाला एक अपशिष्ट (वेस्ट) पदार्थ है जो प्यूरीन नामक पदार्थ के टूटने से बनता है और सामान्यतः खून के जरिए किडनी में जाकर पेशाब से बाहर निकल जाता है. अगर यह अधिक बनने लगे या किडनी से ठीक से बाहर न निकले, तो इसका लेवल खून में बढ़ जाता है जिसे हाइपरयूरिसीमिया कहा जाता है. यूरिक एसिड का लेवल बढ़ने से शरीर भारी, थका हुआ और सूजन महसूस हो सकता है. बहुत से लोग इसे सिर्फ जोड़ों के दर्द से जोड़ते हैं लेकिन यह एनर्जी, नींद और रोजमर्रा की लाइफ पर भी असर डालता है.
यदि किसी के खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है तो छोटी-छोटी, रोजाना की आदतों से भी यूरिक एसिड को कम कर सकता है. बिना दवाओं पर निर्भर हुए इस लेवल को कंट्रोल में ला सकती हैं. तो आइए उन चीजों के बारे में जानते हैं.
पानी से दिन की शुरुआत करें
पानी ही किडनी को यूरिक एसिड को फिल्टर करने में मदद करता है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि आप एक बार में ही अधिक पानी पी लें. बल्कि इसके लिए आपको दिन भर धीरे-धीरे और लगातार घूंट-घूंट करके पीना होता है जिससे नैचुरल फ्लशिंग में मदद मिलती है. सुबह गर्म पानी पीने से डाइजेशन भी ठीक होता है, जिससे इनडायरेक्टली यूरिक एसिड का लोड कम होता है.
खाने के बाद वॉक करें
खाने के बाद 10-12 मिनट धीरे-धीरे टहलने से अचानक शुगर स्पाइक नहीं होता जिससे यूरिक एसिड बनना कम हो जाता है. यह आसान सी आदत वजन को भी कंट्रोल में रखती है, सूजन कम करती है और नींद बेहतर करती है. हाई यूरिक एसिड वाले कई लोगों के लिए हल्की मूवमेंट, तेज एक्सरसाइज से बेहतर काम करती है.
अधिक फाइबर लें
अधिकतर लोगों को सलाह दी जाती है कि वे लोग प्यूरीन वाली चीजों से दूरी तो बनाएं लेकिन फाइबर इंटेक बढ़ाना भी उतना ही जरूरी है. ओट्स, सेब, सब्जा के बीज, जौ और सब्जियों से मिलने वाला घुलनशील फाइबर पेट में यूरिक एसिड को रोकता है और शरीर को इसे मल के ज़रिए बाहर निकालने में मदद करता है और उससे किडनी पर बोझ कम पड़ता है.
हल्का खाना खाएं
देर रात हैवी खाना खाने से मेटाबॉलिक स्ट्रेस बढ़ाता है और शरीर में यूरिक एसिड ज़्यादा देर तक जमा रहता है. सब्ज़ियों, दाल, सूप या बाजरे से बनी डिश के साथ हल्का डिनर डाइजेशन को जल्दी खत्म कर देता है और पेट अन्य काम में लग जाता है.
कम-फ्रुक्टोज वाले फल खाएं
फल हेल्दी होते हैं लेकिन आम, अंगूर और लीची जैसे फलों में फ्रुक्टोज अधिक होता है जो यूरिक एसिड बढ़ा सकते हैं. इनकी अपेक्षा अमरूद, बेरी, संतरे, पपीता और तरबूज चुनें और फ्रुक्टोज स्पाइक के बिना विटामिन देते हैं. आइडिया फलों को डाइट से हटाने का नहीं है, बल्कि बैलेंस के लिए सही फल चुनने का है.
खाने के बाद आराम दें
10-12 घंटे की छोटी फास्टिंग विंडो (जैसे, रात 8 बजे तक डिनर और सुबह 8 बजे नाश्ता) किडनी को यूरिक एसिड साफ करने का समय देती है. इस हल्की रात भर की फास्टिंग ने शरीर पर स्ट्रेस डाले बिना सूजन, इंसुलिन रिस्पॉन्स और यूरिक एसिड मेटाबॉलिज्म पर पॉजिटिव असर दिखाया है.
आजतक लाइफस्टाइल डेस्क