सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वीडियो में पुलिसकर्मी और हथियारों से लैस कुछ सुरक्षा जवान एक नीली बस को घेरे हुए दिख रहे हैं. वीडियो देखकर ऐसा लग रहा है जैसे सुरक्षा बल के जवानों और बदमाशों के बीच मुठभेड़ चल रही है. अचानक कुछ जवान बस के अंदर जाते हैं और हाथ बंधे दो लोगों को पकड़कर बस के बाहर लाकर घुटनों के बल बैठा देते हैं.
सोशल मीडिया पर लोग इस वीडियो को शेयर करते हुए कह रहे हैं कि महाराष्ट्र पुलिस ने बस में बम रखकर ले जा रहे दो आतंकवादियों को अमरावती में गिरफ्तार किया.
एक फेसबुक यूजर ने ये वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, "महाराष्ट्र के अमरावती मे दो आतंकवादी पकड़े गये ये बस मे बम ले कर जा रहे थे".
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AWFA) ने पाया कि वायरल वीडियो महाराष्ट्र के अमरावती के परतवाड़ा शहर का है जहां आगामी त्योहारों को देखते हुए पुलिस की तरफ से एक मॉक ड्रिल की गई थी.
कैसे पता की सच्चाई
रिवर्स सर्च और कुछ कीवर्ड्स की मदद से हमें वायरल वीडियो '24 hours today news' नाम के एक फेसबुक पेज पर मिला. वीडियो के कैप्शन में लिखा था, "परतवाड़ा बस डिपो में मार्क ड्रिल की ट्रेनिंग". इसको पढ़कर हमें अंदाजा लगा कि शायद ये वीडियो परतवाड़ा का हो सकता है.
कुछ और कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर इस मॉक ड्रिल का दूसरा वीडियो हमें गावरान 90 नाम के एक यूट्यूब चैनल पर मिला. 14 अक्टूबर 2021 को अपलोड किए गए इस वीडियो के बारे में यहां भी बताया गया है कि यह एक मॉक ड्रिल का वीडियो है. ज्यादा जानकारी के लिए हमने वीडियो में रिपोर्टिंग कर रहे गावरान 90 के पत्रकार प्रवीण तायडे से संपर्क किया. प्रवीण ने हमें बताया कि आने वाले त्योहारों को देखते हुए पुलिस ने अमरावती के परतवाड़ा शहर के बस स्टैंड पर ये मॉक ड्रिल की थी. प्रवीण ने कहा कि ये मॉक ड्रिल 14 अक्टूबर 2021 को हुई थी और पूरी मॉक ड्रिल के दौरान वे खुद वहां मौजूद थे.
पुख्ता जानकारी के लिए हमने परतवाड़ा थाने के इंस्पेक्टर सदानंद मानकर से संपर्क किया. फोन पर हुई बातचीत में सदानंद ने सोशल मीडिया पर चल रहे सारे दावों का खंडन करते हुए कहा कि ये वीडियो एक मॉक ड्रिल का है और आतंवादियों को पकड़ने का दावा सरासर गलत है. सदानंद ने हमारे साथ एक प्रेस रिलीज भी साझा की जो इस मॉक ड्रिल को लेकर जारी की गई थी.
हमारी पड़ताल में साबित होता है कि वायरल वीडियो अमरावती के परतवाड़ा बस स्टैंड पर हुई एक मॉक ड्रिल का है न कि बस में बम ले जा रहे आतंकवादियों को पकड़ने का.
(सौरभ भटनागर के इनपुट के साथ)
फैक्ट चेक ब्यूरो