फैक्ट चेक: राजस्थान की मारपीट के वीडियो को बताया जा रहा यूपी की सांप्रदायिक घटना

वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यूपी के बरेली जिले में होली के रंग में रंगे हिंदू युवकों को मुसलमानों ने घेर कर पीटा. जबकि ये वीडियो बरेली का नहीं, जयपुर, राजस्थान का है. इस घटना का होली के त्योहार से कोई लेना-देना नहीं है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे यूपी के बरेली जिले में होली के रंग में रंगे हिंदू युवकों को मुसलमानों ने घेर कर पीटा.
सच्चाई
ये वीडियो बरेली का नहीं, जयपुर, राजस्थान का है. इस घटना का होली के त्योहार से कोई लेना-देना नहीं है.

ज्योति द्विवेदी

  • नई दिल्ली,
  • 22 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 2:15 PM IST

होली के बाद से ही सोशल मीडिया पर मारपीट का एक विचलित कर देने वाला वीडियो वायरल हो रहा है. इसके बारे में कहा जा रहा है कि बरेली में रंग खेलते हिंदू युवक को मुसलमानों ने पीटा.

वीडियो में कुछ लड़के एक बाइक से भागने की कोशिश करते दिख रहे हैं. अचानक कुछ लोग हाथ में डंडे लेकर चिल्लाते हुए उन पर हमला कर देते हैं. इस हमले में एक लड़का भाग नहीं पाता और गिर जाता है. हमलावर उसके सिर पर कई वार करते हैं जिसके बाद वो बेसुध-सा हो जाता है.

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इस वीडियो को शेयर करते हुए एक ट्विटर यूजर ने लिखा, 'दिनांक 18/03/22 बहेड़ी, बरेली. यूपी में अभी केवल एक मुस्लिम विधायक जीता है तो होली पर इनकी हिम्मत देखिए, रंग लगे बाइक सवारों को घेर के पीटा. यह वीडियो योगीजी तक पहुंचाए ताकी इनकी भी गर्मी निकल सकें.'

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो बरेली का नहीं बल्कि राजस्थान की राजधानी जयपुर के वैशाली नगर इलाके का है. वैशाली नगर थाने के एसएचओ हीरालाल सैनी ने ‘आजतक’ से बातचीत में इस बात की पुष्टि की.

कैसे पता लगाई सच्चाई?

सबसे पहले हमने वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च किया. ऐसा करने से हमें ये वीडियो 14 से 17 मार्च के बीच छपी कई न्यूज रिपोर्ट्स में मिला. इस साल होली 18 मार्च को थी. लेकिन ये वीडियो उससे कई दिन पहले से ही इंटरनेट पर मौजूद है. इससे ये साफ हो जाता है कि ये घटना उससे पहले की है.

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न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, मृतक का नाम विशाल यादव था. विशाल अपने कुछ दोस्तों के साथ 13 मार्च की रात को जयपुर के वैशाली नगर इलाके के एक होटल में अपने जन्मदिन की पार्टी मनाने गया था. वहां इनका होटल कर्मचारियों से किसी बात पर झगड़ा हो गया जिसके बाद  कर्मचारियों ने विशाल पर फ्राई पैन और रॉड से ताबड़तोड़ वार किए. इसी हमले में विशाल की मौत हो गई.

‘इंडिया टुडे’ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में पुलिस ने नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जिनके नाम हैं- सुरेश, प्रहलाद कुमार बलाई, अमन, अशोक, अनिल पापड़ा, लखन बैरवा, मुकेश कुमार बैरवा, लालचंद बैरवा और महेंद्र रावतसर. नामों से साफ है कि इनमें से कोई मुस्लिम नहीं है.

कहां पर हुई थी ये घटना?

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि यह घटना वैशाली नगर के सुकून होटल की है. हमने ‘जस्ट डाइल’ वेबसाइट से मिली सुकून होटल की एक तस्वीर की तुलना वायरल वीडियो के कुछ स्क्रीनशॉट्स से की. दोनों के बीच की समानता साफ देखी जा सकती है. जाहिर है, ये मामला यहीं का है.

यूपी पुलिस ने किया है खंडन

बरेली पुलिस ने ये वीडियो शेयर करने वाले एक ट्विटर यूजर के पोस्ट पर कमेंट किया है कि ये घटना बरेली की नहीं है.

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यूपी पुलिस फैक्ट चेक ने भी इस वीडियो को वैशाली नगर, जयपुर का बताया है.

#FactCheck - वायरल वीडियो उत्तर प्रदेश से न होकर थाना वैशाली नगर, जनपद जयपुर, राजस्थान से संबंधित है। @bareillypolice द्वारा भ्रामक पोस्ट का खंडन किया गया है। कृपया बिना सत्यापन के भ्रामक पोस्ट कर अफवाह न फैलाएं।#UPPFactCheck#UPPolice https://t.co/DurvpUgJ4a https://t.co/uWAhReKzmO pic.twitter.com/Qo1dViYIKt

— UPPOLICE FACT CHECK (@UPPViralCheck) March 21, 2022

वैशाली नगर पुलिस ने क्या कहा?

हमने ये वीडियो वैशाली नगर थाने के एसएचओ हीरालाल सैनी को भी भेजा. उन्होंने ‘आजतक’ को बताया कि इस मामले के दोनों ही पक्षों के लोग हिंदू हैं. 14 मार्च की इस घटना में न तो कोई सांप्रदायिक एंगल है और न ही होली का.

जिस बिल्डिंग में होटल सुकून चलता है, हमने उसके मालिक कौशल सिंह राठौर से भी बात की. उन्होंने भी हमें यही बताया कि इस मामले से जुड़ा कोई भी व्यक्ति मुस्लिम नहीं था.

होली पर बरेली में हुई थी सांप्रदायिक हिंसा

हालांकि ये बात सच है कि बरेली के बहेड़ी इलाके में होली के मौके पर सांप्रदायिक हिंसा का मामला सामने आया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक धार्मिक स्थल पर गुलाल पड़ने के बाद यह हंगामा हुआ. स्थिति संभालने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज तक करना पड़ा. मामले में कई गिरफ्तारियां हुई हैं.

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साफ है कि जयपुर की एक घटना को यूपी से जोड़ते हुए उसे सांप्रदायिक हिंसा का मामला बताकर पेश किया जा रहा है.

(इनपुट: यश मित्तल)

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