फैक्ट चेक: पुलिस का मनचलों को एंबुलेंस में बंद करने के वीडियो का ये है सच

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि तमिलनाडु में पुलिस ने बेवजह सड़कों पर घूम रहे मनचलों को काबू करने के लिए यह तरीका अपनाया है.

Advertisement

आजतक फैक्ट चेक

दावा
तमिलनाडु पुलिस लॉकडाउन में बेवजह घूमने वाले मनचलों को कंट्रोल करने के लिए उन्हें नकली कोरोना मरीज के साथ एंबुलेंस में बंद कर रही है.
सच्चाई
तमिलनाडु पुलिस ने यह वीडियो जागरूकता फैलाने के लिए बनाया है. वीडियो में सब लोग एक्टिंग कर रहे हैं, यह असल घटना नहीं है.

अमनप्रीत कौर

  • नई दिल्ली,
  • 24 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 9:56 PM IST

सोशल मीडिया पर एक मजेदार वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में लॉकडाउन के दौरान बाइक पर घूम रहे कुछ युवकों को पुलिस चेकपोस्ट पर रोकती है. युवकों ने मास्क भी नहीं पहने हैं, ऐसे में पुलिसकर्मी उन्हें एक एंबुलेंस में बंद कर देते हैं जिसमें पहले से ही एक मरीज लेटा दिखता है. इसके बाद युवक एंबुलेंस से बाहर निकले की कोशिश करते हैं, लेकिन पुलिसकर्मी उन्हें अंदर धकेलते हैं.

Advertisement

इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि तमिलनाडु में पुलिस ने बेवजह सड़कों पर घूम रहे मनचलों को काबू करने के लिए यह तरीका अपनाया है. पुलिस ऐसे लोगों को नकली कोरोना पेशेंट के साथ एंबुलेंस में बंद कर रही है.

वायरल हो रहा यह वीडियो असल में तमिलनाडु के तिरुपुर जिले का है. यहां पुलिस ने जागरूकता फैलाने के लिए यह वीडियो शूट किया है, ताकि लोगों को स्थिति की गंभीरता को समझाया जा सके.

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

वीडियो के अंत में भी पुलिसकर्मी तमिल भाषा में यह बताती हैं कि इस वीडियो के जरिये यह बताने की कोशिश की जा रही है कि आप घरों में रहें और सुरक्षित रहें. वीडियो के अंत में पुलिसकर्मियों के साथ तीनों युवक भी मास्क पहने खड़े नजर आते हैं.

Advertisement

वीडियो के पीछे की कहानी जानने के लिए आजतक ने तिरुपुर जिले की एसपी आईपीएस दिशा मिश्रा से बात की. उन्होंने बताया कि यह वीडियो दो-तीन दिन पहले ही शूट किया गया था. वीडियो शूट करने के पीछे मकसद लोगों को यह समझाना था कि जब तक वायरस का खतरा किसी को नजर नहीं आ रहा, तब तक लोग इसे हलके में लेते हैं, लेकिन जैसे ही उन्हें यह खतरा दिखता है वे अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते हैं.

वीडियो में भी एक्टिंग कर रहे युवक बिना मास्क पहने बेखौफ घूमते नजर आते हैं, लेकिन जैसे ही उन्हें एंबुलेंस में बंद किया जाता है जिसमें पहले से ही नकली कोरोना पेशेंट लेटा होता है, वे अपनी जान बचाने के लिए भागने का प्रयास करते हैं.

मिश्रा ने आजतक को वीडियो का एक और वर्जन भेजा, जिसकी शुरुआत में डिसक्लेमर दिया गया है. इस डिसक्लेमर में साफ लिखा है कि यह वीडियो सभी एतियाती उपाय बरतने के बाद शूट किया गया है और इसका मकसद केवल लोगों को जागरूक करना है. वायरल वीडियो से यह डिसक्लेमर हटा दिया गया है.

डिसक्लेमर के साथ पूरा वीडियो यहां देखा जा सकता है.

पड़ताल में साफ हुआ कि वायरल वीडियो कोई सच्ची घटना नहीं है, बल्कि यह जागरूकता फैलाने के लिए तमिलनाडु पुलिस की ओर से शूट किया गया एक वीडियो है जिसमें दिख रहे लोग एक्टिंग कर रहे हैं.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement