फैक्ट चेक: सुशांत सिंह राजपूत के लिए नहीं है नाइजीरियाई युवाओं का ये प्रदर्शन

सोशल मीडिया पर प्लेकार्ड पकड़े कुछ अफ्रीकी युवाओं की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि वे लोग अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के लिए इंसाफ मांग रहे हैं.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
नाइजीरिया के युवाओं ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत को न्याय दिलाने के लिए प्लेकार्ड के साथ प्रदर्शन किया.
सच्चाई
नाइजीरियाई युवाओं ने ‘स्पेशल एंटी रॉबरी स्क्वाड’ (सार्स) नामक पुलिस यूनिट पर बर्बरता का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ प्लेकार्ड के साथ प्रदर्शन किया.

ज्योति द्विवेदी

  • नई दिल्ली,
  • 14 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 11:35 PM IST

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के चार महीने पूरे होने पर 14 अक्टूबर, 2020 को उनके फैन्स ने ‘#ImmortalSushant’ हैशटैग के जरिए उन्हें श्रद्धांजलि दी.

इस बीच सोशल मीडिया पर प्लेकार्ड पकड़े कुछ अफ्रीकी युवाओं की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि वे लोग अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के लिए इंसाफ मांग रहे हैं. अफ्रीकी युवाओं के प्लेकार्ड्स पर ‘जस्टिस फॉर सुशांत’, ‘किल नेपोटिज्म’ और ‘वी वॉन्ट जस्टिस, आरआईपी सुशांत सिंह राजपूत’ जैसे स्लोगन लिखे नजर आ रहे हैं.

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इस फोटो के साथ कैप्शन लिखा है, “दुनिया भर में सुशांत सिंह राजपूत को इंसाफ दिलाने की मांग की जा रही है. मोदीजी, हमें सुशांत सिंह राजपूत के लिए इंसाफ चाहिए. धन्यवाद नाइजीरिया! देखिये, दुनिया भर में सुशांत के कितने चाहने वाले हैं!”

इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल फोटो फर्जी है. असली तस्वीर में नाइजीरिया के युवा वहां की पुलिस की एक विशेष यूनिट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.  

यह दावा ट्विटर पर काफी वायरल है. फेसबुक पर भी कई लोग इसे शेयर कर रहे हैं.

पोस्ट पर कमेंट करते हुए एक यूजर ने लिखा, “और हमारे अपने देश के लोगों को सुशांत की मौत की कोई परवाह नहीं है!”

दावे की पड़ताल
हमने पाया कि वायरल फोटो फर्जी है. असली फोटो को एडिट करके प्लेकार्ड्स पर सुशांत सिंह राजपूत को इंसाफ दिलाने से जुड़े स्लोगन लिखे गए हैं.

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जब हमने इस फोटो को रिवर्स सर्च किया, तो यह हमें सीएनएन की एक रिपोर्ट में मिली. 13 अक्टूबर, 2020 की इस रिपोर्ट के मुताबिक, वायरल तस्वीर में नजर आ रहे नाइजीरियाई युवा वहां की ‘स्पेशल एंटी रॉबरी स्क्वाड’ (सार्स) नामक पुलिस यूनिट पर बर्बरता का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ प्लेकार्ड के साथ प्रदर्शन कर रहे थे.

असली फोटो में ​युवाओं ने जो प्लेकार्ड पकड़े हुए हैं, उनमें ‘#SARS authorised criminals’, ‘#reform POLICE disband SARS’ और ‘#A criminal has dignity to life until found guilty’ जैसे स्लोगन लिखे हुए हैं.

कीवर्ड सर्च के जरिए ढूंढ़ने पर हमें यह फोटो बिजनेस इनसाइडर की 13 अक्टूबर की रिपोर्ट में भी मिली.

गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार, नाइजीरिया में डकैती और बर्बर अपराध रोकने के लिए साल 1992 में सार्स पुलिस यूनिट का गठन हुआ था. इस यूनिट के पास कई विशेष अधिकार थे. बाद में इस यूनिट पर अवैध तरीके से लोगों पर जुल्म करने और उनकी हत्या करने जैसे गंभीर आरोप लगे. अक्टूबर की शुरुआत में एक वीडिया सामने आया था जिसमें कुछ पुलिसवाले एक व्यक्ति को गोली मारते दिख रहे हैं. इस वीडियो में दिख रहे पुलिसवालों को सार्स से जुड़ा बताया गया और इसके सामने आने के बाद से ही नाइजीरिया में सार्स के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए.

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तमाम विरोध प्रदर्शनों के बाद 11 अक्टूबर, 2020 को नाइजीरिया पुलिस की सार्स यूनिट को खत्म कर दिया गया.

यानी यह साफ है कि वायरल फोटो फर्जी है. असली फोटो में नाइजीरिया के युवा वहां की पुलिस पर बर्बरता का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.

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