फैक्ट चेक: कश्मीर के नाम पर बिहार का पुराना वीडियो वायरल

जम्मू कश्मीर को लेकर मोदी सरकार के ऐतिहासिक फैसले के बाद से ही घाटी में कर्फ्यू लगा हुआ है. घाटी में इंटरनेट बंद हैं लेकिन माहौल खराब करने के लिए लगातार सोशल मीडिया पर तरह तरह के वीडियो तेजी से शेयर किये जा रहे हैं. बिहार का एक पुराना वीडियो कश्मीर का बताकर शेयर किया जा रहा है. क्या है इसकी हकीकत? जानें फैक्ट चेक में.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
कश्मीर में लोगों को पी​टते हुए पुलिस का वीडियो
सच्चाई
वायरल वीडियो बिहार का है और इसका कश्मीर से कोई लेना देना नहीं है.

अमनप्रीत कौर

  • नई दिल्ली,
  • 07 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 11:21 PM IST

जम्मू कश्मीर को लेकर मोदी सरकार के ऐतिहासिक फैसले के बाद से ही घाटी में कर्फ्यू लगा हुआ है. घाटी में इंटरनेट बंद हैं लेकिन माहौल खराब करने के लिए लगातार सोशल मीडिया पर तरह तरह के वीडियो तेजी से शेयर किये जा रहे हैं. ताजा वायरल वीडियो में कुछ पुलिसवाले टोपी और कुर्ता पजामा पहने लोगों पर लाठियां बरसाते दिख रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो कश्मीर का है.

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इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल हो रहा यह वीडियो न केवल चार साल पुराना है बल्कि इसका कश्मीर से कोई लेना देना नहीं है. ये वीडियो बिहार का है.

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

इस वीडियो को फेसबुक पर शेयर करते हुए कैप्शन में लिख जा रहा है: "कश्मीर में प्रसाद बंटना शुरू हो गया है."

दावे का सच जानने के लिए जब हमने वीडियो को ध्यान से देखा तो हमें वीडियो के 35वें सेकेंड पर एक बोर्ड नजर आया जिस पर हिंदी में लिखा हुआ था "गर्दनीबाग थाना". गर्दनीबाग थाना बिहार के पटना में स्थित है.

इसके बाद हमने इंटरनेट पर कीवर्ड्स "मुस्लिम बीटन अप इन गर्दनीबाग" लिख कर सर्च किया तो हमें अगस्त 2015 में प्रकाशित हुई एक न्यूज रिपोर्ट मिली.

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इस मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना तब हुई थी जब गर्दनीबाग स्टेडियम पर आल इंडिया मुस्लिम मजलिस—ए—मुशावरत (AIMMM) और मदरसा के टीचर्स ने मिलकर बिहार के 2459 मदरसों के हालत सुधारने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था.

उस समय कथित रूप से प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री आवास पहुंचने का प्रयास कर रहे थे, जिन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. हमें इस घटना का वीडियो मिड—डे की वेबसाइट पर भी मिला.

पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल ​हो रहा वीडियो करीब चार साल पुराना है और बिहार से है. इसका कश्मीर से कोई लेना देना नहीं है.

और इसे फिलहाल माहौल बिगाड़ने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. तो अगर आपको कोई ऐसा वीडियो मिले तो शेयर करने से पहले इसी तस्दीक जरुर कर लें.

क्या आपको लगता है कोई मैसैज झूठा ?
सच जानने के लिए उसे हमारे नंबर 73 7000 7000 पर भेजें.
आप हमें factcheck@intoday.com पर ईमेल भी कर सकते हैं
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