किसी कार पर काले झंडे फेंक रहे कुछ लोगों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है. कई सोशल मीडिया यूजर्स का कहना है कि ये हाल-फिलहाल की घटना है और इसमें दिख रही कार किसी बीजेपी नेता की है, जिन्हें लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि इस वीडियो में जिस बीजेपी नेता को जनता का विरोध झेलना पड़ा, वो मंडी सांसद कंगना रनौत हैं.
वायरल वीडियो में कई पुलिसकर्मी भी दिख रहे हैं. वीडियो पर लिखा है, “राजनीति में पहली बार भाजपा नेताओं को इतना सम्मान मिल रहा है.”
कुछ लोग इस वीडियो को ‘वोट चोरी’ विवाद के बाद बीजेपी के खिलाफ जनता की नाराजगी बताकर शेयर कर रहे हैं. मिसाल के तौर पर, एक्स पर एक व्यक्ति ने लिखा, “वोट चोरी का दूसरा रुझान देख लो पहला तो आप लोगों ने देख लिया मेरे पोस्ट पर अब दूसरा देख लो बीजेपी नेता कँगना रनोट को दिखाए काले झंडे.” इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
हालांकि आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो कांग्रेस नेता व हिमाचल प्रदेश सरकार में मंत्री जगत सिंह नेगी के खिलाफ हुए एक प्रदर्शन का है.
कैसे पता की सच्चाई?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें ये City News Himachal नाम के एक एक्स अकाउंट पर मिला. यहां इसे 25 जुलाई, 2025 को पोस्ट किया गया था. इतनी बात तो यहीं साफ हो जाती है कि ये वीडियो ‘वोट चोरी’ विवाद से पहले का है. पोस्ट के मुताबिक ये वीडियो हिमाचल प्रदेश के मंत्री जगत सिंह नेगी के खिलाफ प्रदर्शन का है.
इस जानकारी के साथ सर्च करने पर हमें News18 Virals की एक वीडियो रिपोर्ट मिली जिसमें वायरल क्लिप को देखा जा सकता है. वीडियो के साथ बताया गया है कि कांग्रेस नेता व हिमाचल प्रदेश सरकार में मंत्री जगत सिंह नेगी को अपने एक दौरे के दौरान लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा.
दरअसल मंत्री नेगी बाढ़ प्रभावित सराज का दौरा करने गए थे. खबरों के मुताबिक कुछ लोगों ने उनका विरोध करते हुए उन्हें काले झंडे दिखाए और उनकी कार पर जूते भी फेंके. कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया है कि विरोध कर रहे लोगों में बीजेपी कार्यकर्ता भी शामिल थे.
इस मामले में कांग्रेस नेता जगदीश रेड्डी और वीरेंद्र कुमार की शिकायत पर भाजपा कार्यकर्ताओं समेत 60 से ज्यादा लोगों पर सख्त धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी.
साफ है, कांग्रेस नेता जगत सिंह नेगी के खिलाफ हुए प्रदर्शन के वीडियो को बीजेपी नेताओं के खिलाफ जनता का गुस्सा बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है.
फैक्ट चेक ब्यूरो