फैक्ट चेक: मृत्यु प्रमाणपत्र पर नहीं छप रही पीएम की फोटो, ये है कोरोना वैक्सीन का सर्टिफिकेट

दस्तावेज के ऊपरी हिस्से में दाईं तरफ एक क्यूआर कोड दिख रहा है और नीचे पीएम मोदी की फोटो दिखाई दे रही है. ‘#MautKaSaudagar’ जैसे हैशटैग्स के साथ इस फोटो को शेयर करते हुए लोग कटाक्ष कर रहे हैं कि भाजपा सरकार अपना प्रचार करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ती है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
मृत्यु प्रमाणपत्र पर भी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर छपने लगी है.
सच्चाई
मृत्यु प्रमाणपत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर छपने की बात एकदम गलत है. सोशल मीडिया पर जो फोटो वायरल हो रही है, वो कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की है, न कि मृत्यु प्रमाणपत्र की.

ज्योति द्विवेदी

  • नई दिल्ली,
  • 21 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 10:38 PM IST

सोशल मीडिया पर एक बहुत हैरान करने वाला दावा किया जा रहा है कि अब मृत्यु प्रमाणपत्र पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो छपने लगी है. ऐसा कहते हुए लोग एक फोटो शेयर कर रहे हैं जिसमें एक व्यक्ति अपने हाथों में एक दस्तावेज लेकर खड़ा है. दस्तावेज के ऊपरी हिस्से में दाईं तरफ एक क्यूआर कोड दिख रहा है और नीचे पीएम मोदी की फोटो दिखाई दे रही है. ‘#MautKaSaudagar’ जैसे हैशटैग्स के साथ इस फोटो को शेयर करते हुए लोग कटाक्ष कर रहे हैं कि भाजपा सरकार अपना प्रचार करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ती है.

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एक फेसबुक यूजर ने इस फोटो को शेयर करते हुए लिखा, “बस अब यही देखना रह गया था मृत्यु प्रमाण पत्र पर भी अपना फोटो लगा दिया.”

फेसबुक यूजर ने इस फोटो को किया शेयर

इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि सोशल मीडिया पर जिस दस्तावेज की फोटो शेयर की जा रही है, वो मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं बल्कि कोरोना वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट है. मृत्यु प्रमाणपत्र में पीएम मोदी की फोटो लगाए जाने की बात बिल्कुल गलत है.

फेसबुक के अलावा ट्विटर पर भी बहुत सारे लोग मृत्यु प्रमाणपत्र पर पीएम मोदी की फोटो लगाए जाने की बात कह रहे हैं.

क्या है सच्चाई

हमने वायरल फोटो को रिवर्स सर्च किया तो ‘इंडिया टाइम्स’ की एक रिपोर्ट में हमें यही फोटो मिली. ये रिपोर्ट एनसीपी नेता नवाब मलिक के उस हालिया बयान से जुड़ी है जिसमें उन्होंने कहा था, “जिस तरह से वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट्स में पीएम मोदी की फोटो लगाई जा रही है, उसे देखते हुए हम ये मांग रखते हैं कि पीएम मोदी की फोटो मृत्यु प्रमाणपत्र में भी लगाई जाए. अगर वो कोविड-19 टीकाकरण का श्रेय लेना चाहते हैं, तो उन्हें कोविड से होने वाली मौतों की जिम्मेदारी भी लेनी होगी.” इस पूरी रिपोर्ट में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि मृत्यु प्रमाणपत्र में पीएम मोदी की फोटो लगाई जा रही है.

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जहां वायरल फोटो में दिख रहा दस्तावेज धुंधला नजर आ रहा है, वहीं ‘इंडिया टाइम्स’ की रिपोर्ट वाली फोटो में दस्तावेज तुलनात्मक रूप से स्पष्ट है. इसे जूम करने पर साफ देखा जा सकता है कि इसके ऊपरी हिस्से में बाईं तरफ ‘Provisional Certificate for Covid-19 Vaccination’ लिखा हुआ है.

वायरल फ़ोटो

मार्च 2021 की शुरुआत में तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में पीएम मोदी की फोटो छपने पर आपत्ति जताई थी और इसे चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन बताया था. इस शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने स्वास्थ्य मंत्रालय को एक पत्र भेजकर निर्देश दिया था कि पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी (जिन राज्यों में चुनाव हैं) में लोगों को दिए जाने वाले कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की फोटो का इस्तेमाल न किया जाए. लाइवमिंट’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस निर्देश के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने चुनाव वाले राज्यों में कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल बंद कर दिया था.  

हमने उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर और बंगाल के कोलकाता शहर में हाल ही में कोविड वैक्सीन लगवाने वाले दो लोगों के कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट मंगवाए. ये दोनों सर्टिफिकेट वायरल फोटो वाले दस्तावेज जैसे ही दिखते हैं. हां, इतना जरूर है कि जहां उत्तर प्रदेश के कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में पीएम मोदी की फोटो साफ देखी जा सकती है, वहीं पश्चिम बंगाल के कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में पीएम मोदी की तस्वीर नहीं नजर आ रही है.  

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सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर

इस बीच गुजरात भाजपा के पूर्व विधायक हीरा सोलंकी की तस्वीरों वाले पोस्टर ऑक्सीजन सिलेंडरों पर लगाए जाने का एक मामला सामने आया है. 21 अप्रैल 2021 को छपी  ‘अमर उजाला’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हीरा सोलंकी ने हाल ही में 25 बेड वाला एक कोविड सेंटर खोला है और ये पोस्टर उनके समर्थकों ने ऑक्सीजन सिलेंडरों पर चिपकाए थे.

हमारी जानकारी में भारत के किसी भी राज्य में मृत्यु प्रमाणपत्र पर पीएम की फोटो नहीं छपती है. हमने कई राज्यों के मृत्यु प्रमाणपत्र चेक किए और उनमें से किसी में भी पीएम की फोटो नहीं थी. हालांकि, हमने सारे राज्यों के मृत्यु प्रमाणपत्र चेक नहीं किए, लेकिन हाल-फिलहाल में ऐसा कोई बदलाव किया गया होता कि मृत्यु प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री की फोटो छपेगी तो इस बारे में सभी प्रमुख मीडिया वेबसाइट्स पर खबरें छपी होतीं. हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली.

पड़ताल से ये साफ हो जाता है कि मृत्यु प्रमाणपत्र पर पीएम मोदी की फोटो छापे जाने के दावे में कोई सच्चाई नहीं है. वायरल फोटो कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट की है, न कि मृत्यु प्रमाणपत्र की.  

 अर्जुन डियोडिया के इनपुट के साथ

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