फैक्ट चेक: अंबेडकर के पांव छूते महात्मा गांधी की इस तस्वीर का क्या है सच?

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें डॉ. भीमराव अंबेडकर एक महिला व एक अन्य व्यक्ति के साथ एक चबूतरे पर बैठे हैं. जबकि एक बुजुर्ग व्यक्ति उनके पांव छूता दिख रहा है, जिन्हें महात्मा गांधी बताया जा रहा है. 

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
महात्मा गांधी ने छूए बीआर अंबेडकर के पैर
सच्चाई
वायरल तस्वीर दो तस्वीरों को फोटोशॉप के जरिए जोड़कर तैयार की गई है.

अमनप्रीत कौर

  • नई दिल्ली,
  • 03 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 7:21 PM IST

सोशल मीडिया पर इन दिनों एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें डॉ. भीमराव अंबेडकर एक महिला व एक अन्य व्यक्ति के साथ एक चबूतरे पर बैठे हैं, जबकि एक बुजुर्ग व्यक्ति उनके पांव छूता दिख रहा है. दावा किया जा रहा है कि बाबा अंबेडकर के पांव छू रहा व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि महात्मा गांधी हैं.

इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल हो रही तस्वीर दो अलग-अलग तस्वीरों को जोड़कर तैयार की गई है.

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पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

फेसबुक पर वायरल इस तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा गया है: 'गांधीजी बाबा साहिब के पांव छूते हुए. ये फोटो आपको कहीं नहीं मिलेगी. फैलाओ...'

वायरल तस्वीर का सच जानने के लिए जब हमने इसे रिवर्स सर्च की मदद से ढूंढा तो पाया कि यह तस्वीर फोटोशॉप की मदद से दो तस्वीरों को जोड़कर तैयार की गई है. पहली तस्वीर हमें 'alamy.com' की स्टॉक तस्वीरों में मिली. तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा गया है: 'डॉ. अंबेडकर, उनकी पत्नी डॉ. सविता अंबेडकर, नौकर सुदामा और उनका पालतू कुत्ता'.

वहीं जब हमने तस्वीर में से बुजुर्ग व्यक्ति वाला हिस्सा क्रॉप कर सर्च किया तो हमें यह तस्वीर विकीपीडिया पर मिल गई. यह तस्वीर मार्च 1930 में खींची गई थी जब महात्मा गांधी ने "नमक सत्याग्रह" खत्म किया था. तस्वीर में उन्हें जमीन से नमक उठाते हुए देखा जा सकता है.

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कैसा था महात्मा गांधी और अंबेडकर का रिश्ता?

इतिहासकार सैयद इरफान हबीब ने बताया, 'महात्मा गांधी और बीआर अंबेडकर के बीच तल्ख रिश्ते थे. कई मामलों पर दोनों के मत अलग-अलग थे. दोनों की मुलाकात पूना पैक्ट के दौरान 1932 में हुई थी. दोनों के मत जातिवाद को लेकर अलग थे. छुआछूत को लेकर महात्मा गांधी ने कई जगह लिखा है कि यह हिंदू धर्म का पाप है, जिससे हिंदुओं को खुद ही मुक्ति पानी होगी. वहीं अंबेडकर छुआछूत को बीमारी की तरह देखते थे जो कई सदियों से किसी न किसी रूप में चली आ रही थी.'

पड़ताल में साफ हुआ कि वायरल हो रही तस्वीर दो तस्वीरों को फोटोशॉप की मदद से जोड़कर तैयार की गई है.

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