फैक्ट चेक: पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस की नहीं है ये वायरल फोटो

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तबाह कंट्रोल रूम की तस्वीर पाकिस्तान के नूर खान एयर बेस की बताई जा रही है. फैक्ट चेक में पता चला कि यह तस्वीर यूक्रेन के चेरनोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट की है, जो 1986 के परमाणु हादसे के बाद तबाह हुई थी. वायरल दावा गलत है और तस्वीर का ऐसा कोई संबंध नूर खान एयर बेस से नहीं है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
कंट्रोल रूम की ये फोटो पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस की है जिसे भारत ने तबाह कर दिया. 
सच्चाई
ये फोटो यूक्रेन में स्थित चेरनोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट के रिएक्टर-4 के कंट्रोल रूम की है जिसका 1986 में हुए ब्लास्ट की वजह से ये हाल हो गया था.

अर्जुन डियोडिया

  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2025,
  • अपडेटेड 7:55 PM IST

तबाह हो चुके किसी कंट्रोल रूम की तस्वीर शेयर करते हुए कुछ सोशल मीडिया यूजर्स कह रहे हैं कि ये पाकिस्तान के नूर खान एयर बेस का नजारा है जहां भारत ने 10 मई को हमला किया था.

फोटो में ऐसी कई तकनीकी मशीनों का सेटअप नजर या रहा है जिनमें छेद हो गए हैं.

इस तस्वीर को कई एक्स और फेसबुक यूजर, नूरखान एयरबेस का बताकर पोस्ट कर रहे हैं. ऐसे ही एक वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है. 

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आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये फोटो यूक्रेन में स्थित चेरनोबिल न्यूक्लियर  पावर प्लांट के एक कंट्रोल रूम की है जिसका 1986 में ब्लास्ट होने की वजह से ये हाल हो गया था.

कैसे पता की सच्चाई? 

फोटो को रिवर्स सर्च करने पर हमें सीएनएन, द टेलीग्राफ आदि की कई न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं जिनमें इसे चेरनोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट का बताया गया है.

स्टॉक इमेज वेबसाइट जैसे अलामी, एडोब स्टॉक और फ्लिकर पर भी इससे मिलती-जुलती फोटो देखी जा सकती हैं जिन्हें इसी न्यूक्लियर पावर प्लांट का बताकर शेयर किया गया है.


खबरों के मुताबिक, ये चेरनोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट के चार नंबर रिएक्टर के कंट्रोल रूम की फोटो है. ये पावर प्लांट यूक्रेन की राजधानी कीव से 130 किलोमीटर उत्तर में स्थित है.

दरअसल, 26 अप्रैल, 1986 को इस प्लांट में विस्फोट हुआ था जिसे दुनिया का अब तक का  सबसे बुरा परमाणु हादसा कहा जाता है. इस प्लांट में बिजली पैदा की जाती थी.

इस प्लांट के रूटीन मेंटेनेंस में चल रही जांच के दौरान रिएक्टर-4 में जोरदार धमाका हुआ था. रिएक्टर के फटने से चारों तरफ रेडियोएक्टिव पदार्थ फैल गए और लोग बीमार पड़ने लगे थे. 

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सीधे तौर पर इस घटना में कम से कम से 30 लोगों की मौत हो गई थी. लेकिन कई रिपोर्ट्स में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि रेडिएशन के फैलने के बाद सालों तक आसपास के इलाकों में कैंसर जैसी घातक बीमारियों के हजारों मामले दर्ज किए गए. कई सालों बाद इस इलाके को एक पर्यटक स्थल बना दिया गया था.

हमारी जांच में ये स्पष्ट हो जाता है कि फोटो के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह सही नहीं है. भारत ने नूर खान एयर बेस को वाकई नुकसान पहुंचाया है लेकिन ये फोटो उसकी नहीं है.  

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