सोशल मीडिया पर इंडिया टीवी का एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है. स्क्रीनशॉट में बुर्का पहने एक शख्स को कुछ लोगों के साथ देखा जा सकता है. वायरल स्क्रीनशॉट के कैप्शन में लिखा हुआ है कि "शाहीन बाग में बुरखा पेहेनकर प्रदर्शन कर रहे दो युवक गिरफ्तार".
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत है. इंडिया टीवी के स्क्रीन शॉट को फोटोशॉप की मदद से तैयार किया गया है. बुर्का पहने शख्स की यह तस्वीर 2015 से इंटरनेट पर मौजूद है. इसका दिल्ली के शाहीन बाग से कोई लेना देना नहीं है.
फेसबुक पेज VOICE of INDIA ने इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए लिखा कि "ये सब 500 रु के चक्र में हो रहा है".
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
वायरल तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें पता चला कि यह तस्वीर 2015 से इंटरनेट पर मौजूद है. SCOOP WHOOP ( के अक्टूबर 2015 को प्रकाशित एक आर्टिकल में हमें यह तस्वीर मिली. आर्टिकल में एक फेसबुक पोस्ट का उल्लेख करते हुए बुर्का पहने शख्स को RSS कार्यकर्ता बताया गया था. फेसबुक पोस्ट के जरिए दावा किया गया था कि इस शख्स को एक मंदिर के अंदर गोमांस फेंकते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था. हालांकि, रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि नहीं की गई है कि तस्वीर में दिखने वाला शख्स आरएसएस का कार्यकर्ता है. साथ ही इस बात की भी पुष्टि नहीं हुई कि उसे मंदिर में बीफ फेंकते हुए पकड़ा गया है.
बुर्का पहने शख्स कि यह तस्वीर लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान भी काफी वायरल हुई थी. उस समय इस आदमी पर ‘फर्जी मतदान’ करने का आरोप लगाया था. टाइम्स ऑफ इंडिया ने उस समय इसका फैक्ट चेक किया था.
“शाहीन बाग में महिलाएं ही नहीं, पुरुष भी बुर्का पहनकर सीएए का विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं” इस दावे को लेकर हमें हाल ही में एक वीडियो भी मिला था जिसका आजतक ने फैक्ट चेक किया था.
हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल पोस्ट में बुर्का पहने शख्स की यह तस्वीर 2015 से ही इंटरनेट पर मौजूद है. इसका दिल्ली के शाहीन बाग से कोई लेना देना नहीं है. साथ ही इंडिया टीवी के स्क्रीन शॉट को फोटोशॉप की मदद से तैयार किया गया है.
फैक्ट चेक ब्यूरो