सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें सेना के एक जवान ने टोपी पहने एक बुजुर्ग आदमी को पकड़ा हुआ है. इस आदमी के पेट पर पीले रंग के कुछ पैकेट बंधे हुए हैं. तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि सेना ने इस व्यक्ति को जम्मू कश्मीर स्थित डोडा से पकड़ा है. इसके पास से 7 किलो विस्फोटक मिला है, जिससे यह जवानों को उड़ाना चाहता था.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल हो रही तस्वीर करीब छह साल पुरानी है. तस्वीर तब की है जब पाकिस्तान की सेना ने तोरखम बॉर्डर से इस व्यक्ति को ड्रग्स की स्मगलिंग करते पकड़ा था. इसके पेट पर बंधे पीले पैकेट कोई विस्फोटक नहीं, बल्कि हशीश ड्रग है.
फेसबुक पेज “I am with Eme Bhattacharya” ने तस्वीर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा: 7 किलो विस्फोटक के साथ डोडा में एक बुजुर्ग सेना के पिकेट को उड़ाने पहुंचे थे. प्रोपर ट्रेनिंग न होने और ज्यादा उम्र के कारण पकड़े गए. इतने विस्फोटक से 10 से 20 सैनिक को उड़ाया जा सकता है. बुज़ुर्ग ने बताया कि जन्नत की चाह में ऐसा करने जा रहे थे. (क्या सच में आतंकवाद का कोई मजहब नहीं होता?)
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
AFWA की पड़ताल
वायरल हो रही तस्वीर के साथ किए जा रहे दावे का सच जानने के लिए जब हमने इसे रिवर्स सर्च किया तो हमें यह तस्वीर ट्विटर पर मिल गई. पाकिस्तानी जर्नलिस्ट सफदर दावर ने यह तस्वीर 27 दिसंबर 2014 को ट्वीट की थी और साथ ही लिखा था कि यह व्यक्ति तोरखम बॉर्डर पर हशीश नामक ड्रग के साथ पकड़ा गया है.
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच ड्रग्स की स्मगलिंग के लिए तोरखम बॉर्डर मशहूर है.
यह पहली बार नहीं है जब यह तस्वीर इस तरह के दावे के साथ वायरल हुई है. यह तस्वीर 2016 में भी वायरल हो चुकी है, उस समय मलेशियाई समाचार पोर्टल द रोजक पोस्ट ने इसका फैक्ट चेक किया था.
पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल हो रही तस्वीर करीब छह साल पुरानी है और यह भारत नहीं बल्कि पाकिस्तान की है. तस्वीर में बुजुर्ग व्यक्ति विस्फोटक के साथ नहीं, बल्कि ड्रग्स के साथ पकड़ा गया था.
अमनप्रीत कौर