फैक्ट चेक: मुस्लिम संत की मूर्ति वाली गणतंत्र दिवस की ये झांकी यूपी की नहीं, बिहार की है

सोशल मीडिया पर बहुत सारे लोग गणतंत्र दिवस की झांकियों की दो तस्वीरें शेयर कर रहे हैं. इनमें से एक तस्वीर में एक इस्लामिक अंदाज में बनी इमारत का मॉडल और एक सूफी संत की मूर्ति दिख रही है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
जब यूपी में सपा की सरकार थी तो गणतंत्र दिवस परेड में यहां की झांकी इस्लामिक थीम पर बनती थी. वहीं योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में ये झांकी हिंदू धर्म की थीम पर बनती है.
सच्चाई
सूफी संत की मूर्ति वाली झांकी की जिस तस्वीर को सपा कार्यकाल के दौरान यूपी की बताया जा रहा है, वो असल में बिहार की झांकी है जो 2011 के गणतंत्र दिवस परेड में दिखाई थी.

ज्योति द्विवेदी

  • नई दिल्ली,
  • 25 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 12:09 PM IST

गणतंत्र दिवस परेड में इस साल उत्तर प्रदेश की झांकी में राम मंदिर का मॉडल नजर आएगा.

इस खबर के आने के साथ ही सोशल मीडिया पर बहुत सारे लोग गणतंत्र दिवस की झांकियों की दो तस्वीरें शेयर कर रहे हैं. इनमें से एक तस्वीर में एक इस्लामिक अंदाज में बनी इमारत का मॉडल और एक सूफी संत की मूर्ति दिख रही है. वहीं, दूसरी फोटो में एक मंदिर का मॉडल और दो मोरों के बीच बैठे एक ऋषि की मूर्ति नजर आ रही है.

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एक यूजर ने इस फोटो को शेयर करते हुए लिखा, “समाजवादी राज में उत्तर प्रदेश की झांकी और योगी राज में उत्तर प्रदेश की झांकी. बस यही सबसे बड़ा बदलाव है और यही बदलाव सबसे सुखद है”

इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि जिस वायरल फोटो को सपा सरकार के राज में गणतंत्र दिवस के दौरान यूपी की झांकी बताया जा रहा है, वो दरअसल साल 2011 में गणतंत्र दिवस पर बनाई गई बिहार की झांकी की फोटो है. दूसरी वायरल फोटो इस साल के गणतंत्र दिवस पर सजाई गई उत्तर प्रदेश की झांकी की फोटो है.

फेसबुक के अलावा ट्विटर पर भी बहुत सारे लोग इस कोलाज को शेयर कर रहे हैं. एक यूजर ने ये दोनों फोटो शेयर करते हुए लिखा, “तब और अब में अंतर....! देश अपने वास्तविक स्वरूप में पुनर्स्थापित हो रहा है.”

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खबर लिखे जाने तक इस पोस्ट को तकरीबन तीन हजार लोग री-ट्वीट कर चुके थे.

एक यूजर ने इस पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा, “पहले फोटो से ऐसा लग रहा है जैसे ओसामा बिन लादेन शांति का संदेश दे रहा हो!”
 
पहली फोटो की हकीकत

हमने गौर किया कि वायरल तस्वीरें शेयर करने वाले एक ट्विटर पोस्ट पर कमेंट करते हुए एक यूजर ने लिखा है कि सूफी संत वाली फोटो ​उत्तर प्रदेश की नहीं बल्कि बिहार की झांकी की है.

हमने कीवर्ड सर्च की मदद से पता लगाया कि सूफी संत और इस्लामिक इमारत वाली फोटो दरअसल साल 2011 के गणतंत्र दिवस की है. उस वक्त बिहार की झांकी वहां स्थित सूफी संत मकदूम दौलत के मकबरे की थीम पर बनाई गई थी. 

साल 2011 में छपी ‘द हिंदू बिजनेस लाइन’ की इस रिपोर्ट में इस झांकी की फोटो देखी जा सकती है.  

21 जनवरी 2011 को सरकार के सूचना विभाग ने भी एक प्रेस रिलीज के जरिये उस साल की गणतंत्र दिवस झांकियों की थीम के बारे में जानकारी दी थी.  

दूसरी फोटो की सच्चाई

दूसरी फोटो को रिवर्स सर्च करने पर हमने पाया कि ये इस साल की गणतंत्र दिवस परेड की उत्तर प्रदेश की झांकी है.

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इसमें दिख रही मंदिर की मूर्ति असल में अयोध्या के निर्माणाधीन राम मंदिर का मॉडल है. वहीं ऋषि की मूर्ति,  महर्षि वाल्मीकि की मूर्ति है.  
 
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की इस रिपोर्ट में वायरल कोलाज की दूसरी फोटो से मिलती-जुलती फोटो देखी जा सकती है. इस रिपोर्ट में लिखा है कि साल 2021 की गणतंत्र दिवस परेड में यूपी की झांकी अयोध्या की थीम पर आधारित होगी. इसमें राम मंदिर के मॉडल के साथ ही दीपोत्सव की झलक भी देखने को मिलेगी.

यानी ये बात साफ है कि सूफी संत मकदूम दौलत से प्रेरित साल 2011 की बिहार की गणतंत्र दिवस की झांकी को सपा के राज में बनाई गई उत्तर प्रदेश की झांकी बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है.

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