फैक्ट चेक: राजस्थान में पिटाई से हुई दलित की मौत को सोशल मीडिया पर दिया गया सांप्रदायिक रंग

सोशल मीडिया पर एक विचलित कर देने वाला वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोग मिलकर एक व्यक्ति को डंडे से पीटते हुए दिख रहे हैं. वीडियो के साथ कहा जा रहा है कि मारपीट कर रहे ये लोग मुस्लिम हैं, जिन्होंने एक दलित शख्स की पीट-पीट कर हत्या कर दी.

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अर्जुन डियोडिया

  • नई दिल्ली,
  • 04 जून 2024,
  • अपडेटेड 6:46 AM IST

सोशल मीडिया पर एक विचलित कर देने वाला वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ लोग मिलकर एक व्यक्ति को डंडे से पीटते हुए दिख रहे हैं. वीडियो के साथ कहा जा रहा है कि मारपीट कर रहे ये लोग मुस्लिम हैं, जिन्होंने एक दलित शख्स की पीट-पीट कर हत्या कर दी.

वीडियो की शुरुआत में एक आदमी, जमीन पर उल्टा लेटे एक व्यक्ति को लगातार डंडे से मारता दिखता है. दो अन्य आदमी, इस व्यक्ति के हाथ-पैर पकड़े हुए नजर आ रहे हैं जिससे वो अपने आप को बचा न सके.

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इसके बाद दूसरी क्लिप आती है जिसमें इसी आदमी के पैरों को डंडे से बांध कर दो लोग ऊपर उठाए हुए हैं और एक तीसरा आदमी व्यक्ति के तलवों में बेरहमी से डंडा मार रहा है. इसके बाद वीडियो में कुछ लोग पुलिस की गिरफ्त में नजर आते हैं और कुछ घरों पर बुलडोजर चलते दिखते हैं. 

वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है, “चुस्लिमो ने खुलेआम पीटा और नरसंहार किया एक दलित युवक का”. इसी कैप्शन के साथ ये वीडियो फेसबुक और एक्स पर शेयर किया जा रहा है. वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये घटना हाल ही में राजस्थान में हुई है जिसमें कुछ लोगों ने एक दलित युवक को इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई थी. इस मामले का कोई आरोपी मुस्लिम नहीं है. बल्कि मुख्य आरोपी भी दलित ही है.

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कैसे पता की सच्चाई?

वीडियो को खोजने पर हमें इस मामले पर छपी कई न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं. “अमर उजाला” की 22 मई 2024 की रिपोर्ट में बताया गया है कि ये घटना झुंझुनू के सूरजगढ़ थाना इलाके के बलौदा गांव में 14 मई को हुई थी.

खबर के मुताबिक, गांव में शराब माफियाओं ने रामेश्वर वाल्मीकि नाम के एक युवक का अपहरण कर उसकी बेहरमी से पिटाई की थी. इस कारण से उसकी मौत हो गई थी. कुछ दिनों बाद इस मारपीट के वीडियो सामने आए थे. रामेश्वर को शराब माफिया अपहरण कर एक हवेली में ले गए थे जहां उसके साथ बेरहमी से मारपीट की गई थी.

इस प्रकरण में हिस्ट्रीशीटर दीपेंद्र उर्फ चिंटू राजपूत, प्रवीण उर्फ पीके मेघवाल, प्रवीण उर्फ बाबा मेघवाल, सुभाष उर्फ चिंटू मेघवाल और सतीश उर्फ सुखा मेघवाल को गिरफ्तार किया गया था. आरोपियों के ठिकानों पर प्रशासन ने बुलडोजर भी चलाया था.

“न्यूज 18” की खबर में बताया गया है कि शराब माफियाओं ने उनकी दुकान से महंगी शराब नहीं खरीदने पर रामेश्वर को पीटा था. युवक के बेसुध होने के बाद आरोपी उसे अस्पताल ले गए थे जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. शराब माफिया, मृतक को उसके घर के सामने फेंककर चले गए थे. शराब माफियाओं ने ही मारपीट की इस घटना का वीडियो बनाया था.

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इस मामले पर हमने झुंझुनू के पुलिस अधीक्षक राजर्षि राज वर्मा से भी बात की. उन्होंने हमें बताया कि मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है. वर्मा के मुताबिक, इस मामले में नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और इनमें मुख्य आरोपी दलित ही हैं. कोई आरोपी मुस्लिम नहीं है. झुंझुनू पुलिस ने भी वायरल ट्वीट पर कमेन्ट करते हुए आरोपियों के नाम बताए हैं.

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