अरावली की परिभाषा को लेकर मचे बवाल के बीच उत्तर भारत के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इसी संदर्भ में किसी सड़क से झंडे लेकर गुजरती भारी भीड़ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और इसे अरावली मुद्दे से जुड़ा विरोध प्रदर्शन बताया जा रहा है.
इसमें लोगों को नारे लगाते हुए देखा जा सकता है. वीडियो को एक्स पर शेयर करते हुए एक व्यक्ति ने लिखा, “कम से कम जनता ने असली मुद्दों को पहचानना शुरू किया है. अरावली का सरंक्षण बड़ा मुद्दा है. इसकी मांग होनी ही चाहिए.”
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ में एक सीमेंट प्लांट के खिलाफ हुए ग्रामीणों के विरोध प्रदर्शन का है.
कैसे पता की सच्चाई?
वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने से हमें सोशल मीडिया पर इसके कई पुराने वर्जन मिले जिनमें इसे छत्तीसगढ़ में किसानों के एक प्रदर्शन से संबंधित बताया गया है.
इस जानकारी के साथ सर्च करने पर हमें ये CG Box नाम के एक यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो रिपोर्ट में मिला. ये छत्तीसगढ़ का एक न्यूज पोर्टल है. यहां इसे 6 दिसंबर को अपलोड किया गया था. वीडियो में इसे छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ में श्री सीमेंट नाम की एक कंपनी के प्लांट के खिलाफ स्थानीय लोगों और किसानों के विरोध प्रदर्शन का बताया गया है.
हमें इस घटना से संबंधित कई न्यूज रिपोर्ट्स भी मिलीं. नवभारत टाइम्स और न्यूज-18 छत्तीसगढ़ की वीडियो रिपोर्ट में भी वायरल वीडियो को देखा जा सकता है. न्यूज-18 की रिपोर्ट के मुताबिक जिले में प्रस्तावित सीमेंट प्लांट के विरोध में 40 गांवों के हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया था.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक खैरागढ़ में श्री सीमेंट लिमिटेड की एक संडी चूना पत्थर खदान परियोजना प्रस्तावित थी. आसपास के गांवों के लोग इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि खदान और सीमेंट संयंत्र से खतरनाक प्रदूषण होगा जो उनके स्वास्थ पर बुरा असर डालेगा.
सोशल मीडिया पर हमें वायरल वीडियो से मिलते-जुलते कई अलग-अलग एंगलों से लिए गए वीडियो भी मिले. ऐसे ही एक क्लोज-अप वीडियो में हाथों में झंडे लिए हुई वैसी ही भीड़ नजर आ रही है. भीड़ में सबसे आगे बैनर लिए लोग नजर आ रहे हैं. वायरल वीडियो में भी ऐसा देखा जा सकता है.
कुल-मिलाकर साफ है कि वायरल हो रहा ये वीडियो अरावली के लिए लोगों के प्रदर्शन का नहीं है.
फैक्ट चेक ब्यूरो