केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इंडिया टुडे ग्रुप के माइंड रॉक्स 2018 के मंच से दावा किया कि मोदी सरकार की उज्जवला योजना पूरी तरह से सफल साबित हुई है. विपक्ष के आरोप को खारिज करते हुए प्रधान ने दावा किया कि जितने लोगों को योजना का फायदा मिला है उनमें लगभग 80 फीसदी लोग कम से कम चार बार नया सिलेंडर इश्यू करा चुके हैं.
धर्मेंद्र प्रधान ने दावा किया कि मोदी सरकार ने तेल पर टैक्स से एकत्र हुए पैसे से उज्ज्वला गैस योजना के तहत देश के गरीब परिवारों को मदद पहुंचाई है. वहीं इसके अलावा आयुष्मान भारत योजना में निवेश किया गया है. इस पैसे का इस्तेमाल करते हुए सरकार ने देश में नई सड़कों के निर्माण का काम किया है. बीते चार साल के दौरान 20 से ज्यादा एम्स अस्पताल देश भर में खोले गए हैं और नए आईआईटी और आईआईएम खोले गए हैं.
प्रधान ने कहा कि मोदी सरकार एनर्जी के मामले में आत्मनिर्भर होना चाहती हैं. इसके अलावा भारत पूरी दुनिया को आत्मनिर्भर होने में मदद करेगी. प्रधान ने कहा कि आने वाले तीस साल में जहां पूरी दुनिया में 100 यूनिट की बिजली खपत होगी तो इसमें लगभग 30 यूनिट बिजली का खपत भारत में होगा. ऐसी स्थिति में हमारी कोशिश वैकल्पिक ऊर्जा और बायोफ्यूल के संसाधन को इस्तेमाल करते हुए पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर निर्भरता को कम करने की है.
पेट्रोलियम से सरकारी मुनाफा गरीबों के लिए जरूरी, नहीं कम होंगे दाम
धर्मेंद्र प्रधान मे कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान आम आदमी को सस्ता पेट्रोल-डीजल देने के नाम पर सरकार के खजाने पर कर्ज का बड़ा बोझ छोड़ा था. लेकिन मौजूदा मोदी सरकार कर्ज लेकर आम आदमी को फायदा पहुंचाने के बजाए उन्हें कर्ज से मुक्त रखने में भरोसा रखती है.
वहीं पेट्रोल और डीजल समेत पेट्रोल उत्पाद को जीएसटी के दायरे में लाने के सवाल पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि जीएसटी काउंसिल एक साल से इसके लिए कोशिश कर रही है. कई राज्यों ने इसका जमकर विरोध किया था लेकिन एक बार फिर यदि राज्य इसके पक्ष में तैयार होते हैं तो समय आते ही पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल करने का काम किया जाएगा.
राहुल मिश्र