देश में इस वक्त कोरोना का संकट काल चल रहा है और इस बीच मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा हो गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मौके पर एजेंडा आजतक में शिरकत की और हर मसले पर बात की. प्रवासी मजदूरों की समस्या को लेकर राजनाथ ने कहा कि केंद्र की ओर से मजदूरों के लिए ट्रेन चलाई गईं और उन्हें घर पहुंचाया गया. राजनाथ ने कहा कि बिहार चुनाव पर इसका कोई असर नहीं होगा.
बिहार में प्रवासी मजदूरों की देखभाल को लेकर कई तरह के सवाल हो रहे हैं, इसपर जब राजनाथ सिंह से प्रश्न पूछा गया. तो रक्षा मंत्री ने कहा कि बिहार में लगातार नीतीश कुमार की सरकार प्रवासी मजदूरों की चिंता कर रही है और मजदूरों की देखभाल की जा रही है. कोई भी सरकार दावा नहीं कर सकती है कि हम फुल प्रूफ हैं, लेकिन किसी की नीयत पर संदेह नहीं किया जा सकता है.
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बता दें कि इस साल बिहार में विधानसभा के चुनाव होने हैं, ऐसे में विपक्ष की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि नीतीश सरकार प्रवासी मजदूरों की देखभाल, कोटा से बच्चों को वापस लाने के मामले में पूरी तरह से फेल रही है.
सरकार ने मजदूरों के लिए उठाए कई कदम: राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यहां कहा कि प्रवासी मजदूरों को लेकर जो फैसले करने थे, वो सभी किए गए हैं. लॉकडाउन के ऐलान के वक्त पीएम मोदी ने भी कहा था कि लॉकडाउन में औद्योगिक इकाई में काम करने वालों को सैलरी मिलती रहे. लेकिन स्थिति ऐसी पैदा हुई कि लॉकडाउन आगे बढ़ा.
मजदूरों की वापसी पर राजनाथ ने कहा कि कई प्रवासी मजदूर घर वापस जाना चाहते थे, इसलिए स्पेशल ट्रेन चली हैं और 50 लाख से अधिक लोग घर वापस पहुंच चुके हैं. जब मजदूर पैदल बढ़े तो हर किसी को तकलीफ हुई, पीएम मोदी को भी तकलीफ हुई.
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गौरतलब है कि देश में लॉकडाउन लागू होने के बाद से ही मजदूरों का संकट हर किसी के सामने था. मजदूर पैदल ही अपने घर की ओर बढ़ चले, इस दौरान रास्ते में हादसों में कई मजदूरों की मौत भी हुई. विपक्ष की ओर से लगातार प्रवासी मजदूरों के संकट को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा गया.
इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई की जा रही है, जहां अदालत ने मजदूरों की घर वापसी का कोई पैसा वसूल नहीं करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को मजदूरों को वापस लाने का प्रबंध करने को कहा है.
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