बिजनेसमैन राजनेताओं का सॉफ्ट टारगेट होता है? सवाल पर प्रणव अडानी ने दिया ये जवाब

प्रणव अडानी ने दुनिया के सबसे पेचीदा और सबसे बड़े अर्बन रीजेनरेशन प्रोजेक्ट माने जा रहे मुंबई के धारावी पुनर्विकास प्रोजेक्ट पर भी बात की. उन्होंने बताया कि यह प्रोजेक्ट कुछ समय में अच्छा करेगा क्योंकि यह मुंबई शहर में हार्ड-कोर डेवलपमेंट है.

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अडानी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर (एग्रो व ऑयल-गैस) प्रणव अडानी ने कई मुद्दों पर चर्चा की. (Photo- ITG) अडानी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर (एग्रो व ऑयल-गैस) प्रणव अडानी ने कई मुद्दों पर चर्चा की. (Photo- ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:12 AM IST

आजतक एजेंडा के मंच से अडानी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर (एग्रो व ऑयल-गैस) प्रणव अडानी ने कई मुद्दों पर खुलकर अपने विचार रखे. जब उनसे पूछा गया कि क्या बिजनेसमैन अक्सर राजनीतिक आरोपों का 'सॉफ्ट टारगेट' बन जाते हैं, तो जवाब में उन्होंने साफ कहा कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति जवाबदेह है, लेकिन यदि आप पारदर्शी हैं तो किसी आरोप से डरने की जरूरत नहीं.

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प्रणव अडानी ने कहा, “हम एक डेमोक्रेसी में हैं. डेमोक्रेसी में हर किसी की जवाबदेही है. अगर कोई आरोप लगाता है तो इसकी जांच होना स्वाभाविक है. लेकिन यदि आपने कुछ गलत नहीं किया है और आपके पास क्लीन मॉडल ऑफ गवर्नेंस है, तो आपको चिंतित होने की जरूरत नहीं. राज्यों की राजनीतिक पसंद चाहे अलग हो, लेकिन सब जगह विकास और निवेश की जरूरत समान है.”

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि देश के कई राज्यों में अलग-अलग पार्टियां सत्ता में हैं, फिर भी वे निवेश चाहते हैं और वे चाहते हैं कि उनके राज्यों में लोग निवेश करने के लिए आएं.

प्रणव अडानी ने दुनिया के सबसे पेचीदा और सबसे बड़े अर्बन रीजेनरेशन प्रोजेक्ट माने जा रहे मुंबई के धारावी पुनर्विकास प्रोजेक्ट पर भी बात की. उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में पहली बार ऐसा मॉडल लागू किया जा रहा है, जहां लोग मुंबई में ही रह रहे हैं और उन्हें वहीं पर पुनर्वासित किया जाएगा. अगर धारावी का इतिहास देखें तो 40 साल से इस इलाके को पुनर्विकास का प्रयास किया जा रहा था, लेकिन वह हो नहीं पा रहा था. लेकिन अब सरकार ने इंटरनेशनल टेंडर जारी किया, जिसमें अडानी ग्रुप को पुनर्विकास करने का मौका मिला है.

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उन्होंने आगे कहा, सवाल यह है कि आप रिहैबिलिटेशन को कैसे देखते हैं? तो हमारा मानना ​​है कि बेशक, यह प्रोजेक्ट कुछ समय में अच्छा करेगा क्योंकि यह मुंबई शहर में हार्ड-कोर डेवलपमेंट है. लेकिन इसके तहत जो 200,000 घर बनाने का प्लान है, वे झुग्गी-झोपड़ियों में होंगे. इसके अंदर सरकार ने कहा है कि जो साल 2000 के पहले रहते थे, उन्‍हें वहीं पर घर दिया जाएगा और साल 2000 के बाद रहने वालों को मुंबई में कहीं और घर बनाकर दिया जाएगा. 

उन्‍होंने कहा कि सबसे बड़ा डर होता है कि जगह खाली कराकर घर मिलेगा कि नहीं. इस समस्‍या को समझते हुए अडानी ग्रुप पहले घर बना रही है, इसके बाद घर की चाबी लोगों को दी जाएगी और फिर उस जगह पर रिडेवलपमेंट का काम जारी होगा. 

'मुंबई में 2 से 3 एयरपोर्ट तो होने ही चाहिए'

मुंबई एयरपोर्ट को लेकर प्रणव अडानी ने कहा कि आज लंदन जैसी सिटी में भी 4 से 5 एयरपोर्ट है. मुंबई में 2 से 3 एयरपोर्ट तो होने ही चाहिए. नवी मुंबई में एयरपोर्ट के आने से बड़ा बदलाव होगा.  इससे करीब आधे घंटे तक का समय कम हो जाएगी. उन्‍होंने कहा कि हम अलग -अलग राज्‍य में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर डेवलपमेंट पर काम कर रहे हैं. असम के एयरपोर्ट के विस्‍तार की भी योजना है. असम एक रणनीतिक लोकेशन है. यहां बहुत पहले से ही ज्‍यादा निवेश करना चाहिए था. 

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