'जो जीवित नहीं या पलायन कर चुके हैं, उनके तो नाम कटेंगे ही', SIR पर बोले किरेन रिजिजू

संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने संसद के शीतकालीन सत्र में SIR के महत्व पर जोर दिया और वोटर लिस्ट की सफाई को चुनाव की शुद्धता के लिए आवश्यक बताया.

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एजेंडा आजतक के मंच पर संसदीय कार्य मंत्री ने कई सवालों के जवाब दिए एजेंडा आजतक के मंच पर संसदीय कार्य मंत्री ने कई सवालों के जवाब दिए

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:04 AM IST

संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को आजतक के खास कार्यक्रम 'एजेंडा आजतक' में शिरकत की. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने चर्चा में चल रहे तमाम मुद्दों और संसद में चल रही बहसों पर अपनी बेबाक राय रखी. इस खास सत्र ‘संसद यूं ही चलेगी’ में संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने SIR के मुद्दे पर भी बात की.

2012 के बाद एसआईआर नहीं हुआ- किरेन रिजिजू
SIR के मुद्दे पर किरेन रिजिजू ने कहा कि, जहां तक एसआईआर का सवाल है, गृहमंत्री के बोलने के बाद मुझे कुछ दोबारा समझाने की जरूरत नहीं है. लेकिन यह तय है कि इलेक्टोरल लिस्ट का साफ होना बहुत जरूरी है. अगर वोटर लिस्ट साफ नहीं होगी, तो चुनाव भी साफ नहीं हो पाएंगे. इतने बोगस वोटर्स लिस्ट में पड़े हुए हैं, उन्हें हटाना ही पड़ेगा. 2012 के बाद एसआईआर नहीं हुआ था. हमने इतने हजार वोट काटे हैं क्योंकि लोग जन्म लेते हैं तो कभी न कभी दुनिया छोड़कर भी जाते हैं. जब कोई इस दुनिया से जाता है, उसका नाम तो कटेगा ही.

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लोग ट्रांसफर होते हैं, पोस्टिंग होती है, बिजनेस के लिए दूसरी जगह जाते हैं, यह ह्यूमन मोबिलिटी है. इसलिए वोटर लिस्ट का समय-समय पर शुद्धिकरण होना चाहिए. स्पेशल इंटेंसिव रिव्यू 1952 से कांग्रेस के समय में होता आ रहा है. अब वे इसे मुद्दा बना रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के दौर में कितनी बार एसआईआर हुआ, यह देख लीजिए. हमारे समय में तो अभी नियमित रूप से हो रहा है. उनके वोटर्स साफ हो रहे हैं, इसलिए उन्हें दिक्कत हो रही है.

अगर किसी असली वोटर का नाम गलत काटा गया होता, तो वह सामने आकर कहता कि मेरा नाम क्यों हटाया. कोई एक भी शिकायत नहीं आई. इसका मतलब जो नाम काटे गए हैं, वे सही में मौजूद ही नहीं थे. इसलिए कोई शिकायत नहीं आई. वो कहते हैं कि बीजेपी को चुनाव में कोई शिकायत नहीं है. मैं फिर सरल भाषा में कह रहा हूं, अगर आपका नाम वोटर लिस्ट से कट जाए तो आप जरूर बोलेंगे कि मेरा नाम क्यों काटा. इतने लोगों के नाम कटे, और किसी ने आवाज नहीं उठाई, इसका मतलब वे लोग थे ही नहीं.

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विपक्ष पर लगाए आरोप
रिजिजू ने कहा कि शीतकालीन सत्र की शुरुआत में ही विपक्ष ने लगातार दो दिन तक हंगामा किया और चर्चा को बाधित कर दिया. उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने जब 65 प्रतिशत भाषण दे दिया, तब विपक्ष, खासकर राहुल गांधी, तथ्यों को सुने बिना ही वॉकआउट कर गए. रिजिजू के अनुसार, लोकतंत्र में संसद में होने वाली बहस का संदेश जनता तक पहुंचना चाहिए, लेकिन विपक्ष चर्चा से भागकर अपनी जिम्मेदारी से पीछे हट गया. उन्होंने यह भी कहा कि 'कांग्रेस समेत विपक्ष इस मुद्दे पर पूरी तरह एक्सपोज हो गया है.'

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