आज की रात (स्त्री 2), उई अम्मा (आजाद), पीलिंग्स (पुष्पा) और तुम मेरे ना हुए ना सही (थामा) जैसे बैक-टू-बैक हिट सॉन्ग्स गाने वालीं सिंगर मधुबंती बागची ने एजेंडा आजतक से अपने करियर, स्ट्रगल और गाने के तरीकों पर खुलकर बात की. मधुबंती ने बताया कि वो पहले स्क्रैच यानी डेमो सॉन्ग्स गाया करती थीं, लेकिन आज की रात गाने ने उनकी किस्मत बदल दी. उन्हें खासतौर से रश्मिका मंदाना की आवाज माना जाता है.
करियर की शुरुआत कैसे हुई?
मधुबंती बागची बोलीं- मैं इसका क्रेडिट मेरी फैमिली को देना चाहती हूं. क्योंकि बंगालियों में एक बात है कि प्रेशर देकर अपने बच्चे को खूब पढ़ाते हैं. तो मेरे मम्मी-पापा ने भी मुझे कविता, संगीत, कराटे सब सिखाया. इसके बाद मैंने बोला कि अब बस हो गया. ये नहीं कर सकती मैं. तब उन्हें लगा कि इसका संगीत में इसका कुछ हो सकता है. एक बात थी कि मैं बचपन से सिर्फ गाती ही थी. तो फैमिली से बहुत अप्रीसिएशन मिलता था. ऐसे करियर बना.
लकी मैस्कॉट कहला रहीं मधुबंती
मधुबंती बोलीं- एक तो ये होता है ना कि जो भी गाने मेरे पास आते हैं, मैं सोचती हूं कि ये गाना मैं जस्टिफाई कर सकती हूं, तो मैं करूंगी. कई बार गाने एक जैसे हो जाते हैं. ये जरूर सोच सकते हैं कि अपनी रेंज को बढ़ाऊं, लेकिन ये पता कर लेना कि वो हिट ही हो जाए, तो जब हम गाते हैं वो पॉसिबल नहीं होता.
आज की रात गाने के पीछे की कहानी
सचिन -जिगर का ये गाना था, उनके लिए मैं 2018 से काम कर रही थी. उसी साल मैं मुंबई आई थी कोलकाता से. वो मुझे बहुत सपोर्ट करते थे. मैं तब स्क्रैच गाती थी, बाकी सिंगर्स के लिए. आज की रात के वक्त पर भी यही हुआ था. उन्होंने कॉल करके कहा कि तुम आ जाओ, एक गाना हम बना रहे हैं. उसी दिन मैं कहीं और गई हुई थी, तो मैंने कहा कि- आज तो मन नहीं कर रहा है सर, आज नहीं कभी और. तो उन्होंने कहा कि- मैं दोबारा नहीं पूछुंगा, पर ये गाना बहुत जरूरी है और अभी हम सब स्टूडियो में हैं. ये गाना बन रहा है. तो आ जाओ देख लो.
तो पता नहीं क्या मुझे लगा फिर मैं चली गई. फिर उन्होंने मुझे पूरा ट्रैक सुनाया, वहां लिरिसिस्ट अमिताभ भट्टाचार्या थे, उन्होंने मुझे गाकर सुनाया कि ऐसा हम बना रहे हैं. तो जब मैंने सुना तो हैरान रह गई. मुझे तब बिल्कुल पता नहीं था कि किस फिल्म के लिए है, कौन परफॉर्म करेगा. मैं कभी पूछती भी नहीं हूं. तो मैंने गाया, और लगा कि ये मेरे टाइप का गाना है. ये कुछ कमाल कर सकता है. और अगर आप गाना सुनोगे तो आपको पता चलेगा कि शुरुआत में कैसे ठुमरी का इस्तेमाल किया गया है. उन्हें पता था कि मुझे पसंद है.
तमन्ना के कंट्रोवर्शियल स्टेटमेंट पर क्या बोलीं
मधुबंती बोलीं- लेकिन ये बात सच है. मैंने कई बार एक्सपीरियंस किया है. मेरे दोस्त के बच्चे या रिलेटिव्स के जो बच्चे हैं. वो लोग डांस करते हैं, कभी कभी वो अपने बच्चों का वीडियो बनाकर टैग करते हैं मुझे. वो बहुत अच्छा लगता है. अभी मैं अपने एक दोस्त के घर गई थी, तो वहां एक छोटी-सी बच्ची इसी गाने पर मेरे आगे-पीछे गोलगोल घूम रही थी. आज की रात करके गाते हुए. तो मुझे पता है कि ये सच है. अब विवाद क्या है क्या नहीं मुझे नहीं पता, पर ये सच है.
रश्मिका की आवाज बनीं मुधबंती
मधुबंती ने रश्मिका के लिए हिंदी में कई गानें गाए हैं, उन्होंने पुष्पा फिल्म का गाना पीलिंग्स भी गाया, जो कि सुपरहिट हुआ. इस पर वो बोलीं- पीलिंग्स गाना बहुत अलग था क्योंकि फिल्म हिंदी में नही थी. उसकी रिकॉर्डिंग के लिए मैं चेन्नई गई थी. वो ओरिजिनल गाना तेलुगू में था, जो मुझे सुनाया गया उसका स्टाइल इतना यूनिक था. मैं अमेज थी क्योंकि जिन्होंने गाया था वो, उसमें बहुत बोल्ड साउथ इंडियन फोल्क टच था. ये फीमेल बोल्ड सिंगिंग बहुत लंबे समय से सुना नहीं था. हम फिल्मों में अक्सर हीरोइनों के स्वीट वॉइस को सुनते हैं. जो बुरा नहीं है, अच्छा लगता है. उनको लगा कि मैं बहुत अच्छा कर लूंगी लेकिन मुझे लगा कि मेरी ट्रेनिंग इस तरह से नहीं हुई है. ये बहुत अग्रेसिव गाना है. हर जॉनर का गाना बहुत ही अलग होता है. तो मेरे लिए बहुत मुश्किल होता है.
कौन बनेगा उनकी आवाज का चेहरा, क्यों नहीं जानना चाहतीं मधुबंती?
मधुबंती बोलीं- क्योंकि क्या है ना कि फिल्म इंडस्ट्री बहुत अनप्रिडिक्टेबल है. लास्ट मिनट कुछ भी बदल सकता है. और मैं कोई एक्सपेक्टेशन नहीं पालना चाहती. क्या हो अगर एक रात पहले मुझे पता चले कि जो आर्टिस्ट मुझे बताया गया था वो बदला जा चुका है. मुझे आज की रात गाना भी एक रात पहले ही बताया गया था कि ये तुम्हारी ही आवाज में जा रहा है. अगर वो बदल दिया गया होता तो, किसी भी वजह से ऐसा हो सकता था कि कोई और उसे गा लेता. मेरे दोस्तों के साथ ये हो चुका है कि वो उम्मीद पाल के बैठे होते हैं, लोगों को बात देते हैं. वो बहुत पेनफुल और हार्ट ब्रेकिंग होता है. ये हर आर्टिस्ट के साथ होता है, ऐसा किसी के साथ नहीं होना चाहिए. लेकिन इंडस्ट्री में ऐसे ही काम होता है, किसी को आखिरी मिनट तक पता नहीं होता. इसलिए मैं कोई उम्मीद नहीं पालती.
'उई अम्मा' का क्रेजी रिएक्शन
मधुबंती बोलीं- ये गाने लूप में दिमाग में चलते रहते हैं, गाना ही पड़ते हैं हर जगह, जैसे अभी धुरंधर का शरारत गाना आया है. वो दिमाग में चलता रहेगा. प्लेलिस्ट तो दूर की बात है. लेकिन मैं दूसरों आर्टिस्ट के गाने बहुत सुनती हूं. एआर. रहमान, अमित त्रिवेदी, ये सब तो बॉलीवुड के हैं जो बेहतरीन हैं. इसके बाहर तो बहुत हैं. मैं ठुमरी बहुत सुनती हूं.
उई अम्मा के लिए अमित सर ने बुलाया था कि एक गाना हम लोग बना रहे हैं. अमित त्रिवेदी और अमिताभ भट्टाचार्य जी ही थे, उन्होंने मुझे समझाया कि लड़की अपने चुलबुले अंदाज में गा रही है. किसी को रिझाने की कोशिश नहीं कर रही है. जैसे आज की रात और उई अम्मा गाने की स्टाइल में बहुत फर्क है. दोनों के अप्रोच में बहुत फर्क है. आज की रात जितना शांत है वहीं उई अम्मा बहुत डायरेक्ट है. इसमें फोक इंफ्लुएंस ज्यादा है. मुझे नहीं पता था कि राशा थडानी वो करने वाली है, जब स्क्रीन पर वो आया तो मैंने कहा - हैट्स ऑफ. उसने इतना अच्छा किया. वो आवाज, डांस, और प्रेजेंटेशन इतना परफेक्ट था, देखने में लगा कि वही गा रही है. मैंने उसे कहा भी था कि- ये तुम ही लग रही हो. ये गाना मैंने आधे और दो टेक में शूट हो गया है. अब तक सबसे ज्यादा वक्त मुझे 6 घंटे का एक गाना गाने में लगा है, वो अभी तक रिलीज नहीं हुआ है.
मुंज्या के तरस को खुद किया रिजेक्ट
मधुबंती ने कहा- कभी-कभी क्या होता है कि कुछ गाने ऐसे हो जाते हैं कि जिसको गाकर आपको लगता है कि इसे मैं अपनी तरह से मोल्ड कर सकती हूं. मुझे नहीं लगता कि मैंने कभी इस बारे में किसी के बात की है. लेकिन एक गाना है- तरस नहीं आया तुझको. जब ये गाना बन रहा था तो सचिन-जिगर जी ने मुझे कहा था कि ये गाना करके तुम हमें भेज दो. जब मैं ये गा रही थी तो मुझे नहीं लग रहा था कि मैं कहीं जाकर इस गाने को अपना पा रही हूं. सब डिस्कनेक्ट सा फील हो रहा था. मैंने फिर भी गाया, अंतरे तक जाकर मुझे लगा कि नहीं. फिर मैंने सचिन सर को कॉल किया और कहा कि - सर मुझे लग नहीं रहा है कि मैं इसे गा पाऊंगी. मुझे नहीं लग रहा कि ये गाना वैसा जा रहा है. मैं अपनी सॉन्ग डिलीवरी से खुश नहीं हूं. बाकियों का नहीं पता कि कौन ऐसा करता है मैं ऐसा करती हूं. तो उन्होंने कहा कि ठीक है अगर तुम्हे नहीं लग रहा तो. फाइनली उसे जैस्मिन सैंडलस ने गाया.
मधुबंती बोलीं कि- मुझे नहीं पता कि कितने सिंगर जाकर अपनी कमियां पब्लिकली गिनाते हैं, और मैं ऐसा क्यों कर रही हूं. लेकिन मुझे नहीं लगता कि आपको अपनी अच्छाईयों का पता होना जितना जरूरी है उससे कहीं ज्यादा अपनी कमियों का भी अंदाजा होना जरूरी है.
संजय लीला भंसाली ने दिए कई प्रोजेक्ट्स
मधुबंती संजय लीला भंसाली की सीरीज हीरामंडी के लिए भी गा चुकी हैं. उन्होंने नजरिया की मारी गाना गाया था. इसकी बैकस्टोरी बताते हुए वो बोलीं- उन्होंने मुझे बुलाया कि एक नई लड़की सुनने में आ रही है, कौन है बुलाओ जरा उसे, जब मिली तो उन्हें लगा कि मैं इतनी यंग है, ये कैसे ठुमरी गा पाएगी. क्योंकि ठुमरी सुनते ही आपके दिमाग में मैच्योरिटी आती है. वो भी ऐसे ही सोच रहे थे, तो उन्होंने कहा कि- कुछ भी गा दो, जो अच्छा लगे. मैंने गा दिया, और वो इतना एक्साइटेड हो गए कि बोले तुम अब सुकून में भी गाओगी. फिर मुझे हीरामंडी का गाना मिला.
मधुबंती ने आगे प्रोजेक्ट्स के बारे में बात करते हुए कहा कि- अच्छे लोगों के आसपास रहना जरूरी है. मैं कम्पोजर भी हूं, तो मैं अगले साल से खुद के गाने बना रही हूं. क्योंकि मैं सबकुछ खुद ही कर रही हूं, कोई लेबल शामिल नहीं है. मैं प्लेबैक सिंगिंग तो करूंगी ही. लेकिन मैं खुद का भी करूंगी. मैं अपनी कहानी अब म्यूजिक के जरिए लोगों को बताना चाहती हूं. मैं करना चाहती हूं कुछ ऐसा कि जिससे यंग टैलेंट्स को मदद मिले, जिन्हें नहीं पता कि मुंबई आकर करना क्या है.
aajtak.in