Agenda Aaj Tak 2024: एजेंडा आजतक के मंच पर दूसरे दिन यानी शनिवार को अखिलेश यादव पहुंचे. उन्होंने यूपी में अपनी बढ़त सहित आने वाले चुनावों में अपनी रणनीति और सामाजिक न्याय को लेकर कई सारी बातें कही. साथ ही उन्होंने अपनी पीडीए के फॉर्मूले के जरिए बीजेपी को घेरने की अपनी नीति के बारे में भी बताया. इसके साथ ही उन्होंने ये भी साफ किया कि कैसे अभी संभल में या फिर जौनपुर में या और भी कहीं मंदिर और मस्जिद के सहारे बीजेपी सांप्रदायिक राजनीति कर रही है.
संभल में एक घर से मंदिर मिलने का मामला गरमाया हुआ है. इस बाबत जब उनसे सवाल पूछा गया कि तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हमारी संस्कृति में हर घर में मंदिर होता है. ऐसा कोई परिवार नहीं है जिनके घर में मंदिर न हो. कई बार हमने देखा है कि पुराने घरों में मंदिर बनाए गए थे, जो बाद में मिले.
'किन परिस्थितियों में संभल में मंदिर मिले?'
अखिलेश यादव ने कहा कि संभल मामले में हमें ये देखना होगा कि किन परिस्थितियों में वो मंदिर कहां निकल रहा है. वो पहले किसका घर था. इसलिए मैंने कहा कि हमें खोदना नहीं है. क्योंकि खोदने वाले लोग देश का सौहार्द्र खोद देंगे. हमें नया भारत बनाना है. इसलिए हमें अभी खुदाई नहीं करनी है.
'बीजेपी पीडीए की ताकत से घबराई हुई है'
अखिलेश यादव ने कहा कि हमें खुदाई नहीं करनी है, बल्कि नए रास्ते बनाने होंगे. क्योंकि येलोग पीडीए की ताकत से घबराए हुए हैं. जितना पीडीए एकजुट होगी, बीजेपी उतनी अधिक कमजोर होगी और इसके बाद वो बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक पॉलिटिक्स करेगी. उन्होंने संभल में मंदिर मिलने के मामले पर ये स्पष्ट किया कि हमें वहां ये देखना होगा कि वहां पहले कौन रहते थे.
जब संभल में भड़की थी हिंसा...
आगे अखिलेश ने आगे बातची के दौरान फिर से संभल का पुराना मुद्दा उठाया. जब संभल जिले में 24 नवंबर को स्थानीय कोर्ट के आदेश पर शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और करीब दो दर्जन लोग घायल हो गए थे. घायलों में पुलिसवाले भी शामिल थे. इस मामले में समाजवादी पार्टी के संभल से सांसद जिया उर रहमान बर्क और संभल के विधायक इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल भी मामला दर्ज हुआ था.
'संभल हिंसा प्रशासन की नाकामी'
इस पर अखिलेश ने कहा कि नवंबर में संभल में क्या हुआ था. क्या कोई सर्वे के बहाने कहीं इतना ज्यादा माहौल खराब किया जा सकता है. संभल में जो हुआ वो प्रशासन की नाकामी थी. जब कभी भी संभल मामले की जांच होगी तो अधिकारी दोषी पाए जाएंगे. वहां जो जानें गईं हैं वो अधिकारियों की वजह से गई है, सरकार की वजह से गई है. हमलोगों को सरकार ने संभल नहीं जाने दिया. हमलोग वहां जाकर सिर्फ लोगों का दुख-दर्द बांटेंगे.
'खुदाई के मामले आगे बढ़े तो हम सामाजिक न्याय के रास्ते पर चलेंगे'
जब उनसे पूछा गया कि यूपी में कई ऐसे जगह हैं, जहां खुदाई वाला मामला आगे बढ़ सकता है. ऐसे में आने वाले समय में ये मुद्दे अगर तेज रफ्तार पकड़ते हैं तो आप क्या करेंगे. इस पर अखिलेश यादव ने कहा कि हमारी गाड़ी ऑटोमोटिक गियर पर समाजिक न्याय के रास्ते पर चल देगी. हमारे समाजवादी लोग और तेजी से एक्सलेटर दबाएंगे. ये एक्सलेटर होगा पीडीए परिवार.
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