लॉकडाउन में प्रत्युषा बनर्जी के पापा की Sidharth Shukla ने की मदद, भेजे थे 20 हजार रुपये

प्रत्युषा के सुसाइड के बाद सिद्धार्थ लगातार उनके फैमिली से संपर्क में रहे हैं. प्रत्युषा के पिताजी ने आजतक से बातचीत कर बताया कि वे सिद्धार्थ की खबर सुनकर सदमे में हैं. शंकर बनर्जी आगे कहते हैं, मुझे समझ नहीं आ रहा है कि ऐसा कैसे हो गया है. मैं सिद्धार्थ को अपने बेटे जैसा मानता था. बालिका वधू के दिनों प्रत्युषा और सिद्धार्थ के बीच ऑफ स्क्रीन भी बहुत दोस्ती थी. सिद्धार्थ अक्सर हमारे पास आया करता था. 

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प्रत्युषा बनर्जी, सिद्धार्थ शुक्ला प्रत्युषा बनर्जी, सिद्धार्थ शुक्ला

नेहा वर्मा

  • मुंबई,
  • 02 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 6:19 PM IST
  • प्रत्युषा संग बालिका वधु में किया था काम
  • प्रत्युषा ने की थी खुदकुशी
  • सिद्धार्थ ने प्रत्युषा के परिवार की की थी मदद

बालिका वधू में प्रत्युषा बनर्जी संग सिद्धार्थ शुक्ला की जोड़ी को भी खूब पसंद किया गया था. प्रत्युषा और सिद्धार्थ दोनों ही बिग बॉस में भी हिस्सा ले चुके हैं. दुर्भाग्यवश टीवी इंडस्ट्री के ये दोनों ही चमकते सितारे अब हमारे बीच नहीं है. सिद्धार्थ शुक्ला का निधन 2 सितम्बर 2021 को हो गया. ऐसे में प्रत्युषा के पिता ने सिद्धार्थ के बारे में हमसे बात की है. 

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प्रत्युषा के पिता ने कही ये बात

प्रत्युषा के सुसाइड के बाद सिद्धार्थ लगातार उनके फैमिली से संपर्क में रहे हैं. प्रत्युषा के पिताजी ने aajtak.in से बातचीत कर बताया कि वे सिद्धार्थ की खबर सुनकर सदमे में हैं. शंकर बनर्जी आगे कहते हैं, मुझे समझ नहीं आ रहा है कि ऐसा कैसे हो गया है. मैं सिद्धार्थ को अपने बेटे जैसा मानता था. बालिका वधू के दिनों प्रत्युषा और सिद्धार्थ के बीच ऑफ स्क्रीन भी बहुत दोस्ती थी. सिद्धार्थ अक्सर हमारे पास आया करता था. 

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लॉकडाउन में सिद्धार्थ ने की थी मदद

प्रत्युषा की मौत के बाद कई लोगों ने सिद्धार्थ और मेरी बेटी के बीच रिलेशनशिप को लेकर बातें कहीं थी. जिस वजह से सिद्धार्थ ने घर आना बंद कर दिया था. वे अक्सर मुझसे वॉट्सऐप पर मेसेज में पूछा करता था. शंकर आगे कहते हैं, इस लॉकडाउन के वक्त तो उसके लगातार मेसेज आते रहे हैं. एक दो महीने पहले उसका आखिरी मेसेज था. वो मेसेज में बस यही सवाल किया करता था कि अंकल-आंटी कुछ हेल्प चाहिए. आप लोग ठीक हैं न, मैं कुछ मदद करूं. बस यही बातें होती रहती थी. उसने हमें बीस हजार भी जबरदस्ती भिजवाए थे. 

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मैं ऊपरवाले से बस यही दुआ करूंगा कि जहां भी रहे खुशी से रहे. उसके परिवार वालों को इस दुख की घड़ी में शक्ति दे. मैंने अपना एक बेटा खो दिया है.

 

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