बॉलीवुड की मशहूर डायरेक्टर जोया अख्तर एक दौर में कॉपीराइटर हुआ करती थीं. हालांकि मीरा नायर की सलाम बॉम्बे देखने के बाद उन्होंने डायरेक्टर बनने की ठान ली थी. उन्हें 20 साल की उम्र में मीरा की ही फिल्म कामासूत्र में जॉब मिल गई थी. इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों से आगे बढ़ते हुए उन्होंने अपनी पहली फिल्म साल 2009 में डायरेक्ट की थी.
इस फिल्म का नाम लक बाय चांस था और इस फिल्म के साथ ही उनके भाई फरहान अख्तर ने लीड एक्टर के तौर पर अपनी एक्टिंग की शुरुआत की थी. ये फिल्म स्ट्रग्लिंग एक्टर की लाइफ पर बेस्ड थी जिसे अपने लक और सूझबूझ के चलते इंडस्ट्री की हकीकत के बारे में जानने का मौका मिलता है. हाल ही में जोया ने बताया कि फरहान से पहले उन्होंने ये फिल्म छह एक्टर्स को ऑफर की थी लेकिन उन सभी ने इस फिल्म में काम करने से मना कर दिया था.
जोया ने इस बारे में बात करते हुए कहा, हम सभी को लगता था कि फरहान एक अच्छा एक्टर है क्योंकि वो हमेशा से थियेटर सीन में था. लेकिन फिर उसने कहा कि वो फिल्म बनाना चाहता है और उसने एक बेहतरीन फिल्म भी बनाई. फिर उसने फकीर ऑफ वेनिस में काम किया. तो मैंने उससे पूछा था कि क्या तुम मेरी फिल्म में काम करोगे क्योंकि इस फिल्म में कोई काम नहीं करना चाहता है. दरअसल उस समय तक मैं छह एक्टर्स को स्क्रिप्ट दे चुकी थी लेकिन सबने मुझे मना कर दिया था.
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