ये हैं वो फिल्मी दिग्गज, जिन्होंने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी पर किया साइन

इस लिस्ट में देश भर के कई फिल्म सेलेब्रिटीज़ शामिल हैं. बीते दौर के आर्टहाउस और नॉन कमर्शियल फिल्में बनाने के लिए मशहूर श्याम बेनेगल, मॉर्डन दौर के प्रयोगधर्मी और डार्क डायरेक्टर अनुराग कश्यप जैसे नाम प्रमुख हैं.

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कोंकणा सेन शर्मा और अनुराग कश्यप कोंकणा सेन शर्मा और अनुराग कश्यप

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 24 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 10:39 PM IST

भीड़ द्वारा हत्याओं की बढ़ती घटनाओं पर हाल ही में फिल्म इंडस्ट्री समेत कई रसूखदार लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में देश के अंदर नस्लीय और जातीय धार्मिक हिंसा पर नाराजगी जताते हुए सख्ती से रोक लगाने की मांग की गई है. इस चिट्ठी को लेकर विवाद भी शुरू हो गया है. फिल्ममेकर अशोक पंडित ने कहा कि मोदी की दोबारा वापसी और आने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर फिर से असहिष्णुता के नाम पर बरसाती मेढक निकल रहे हैं वही मशहूर डायरेक्टर मणिरत्नम ने इस लिस्ट से अपने आपको अलग किया था. इस लेटर में मणिरत्नम का नाम भी शामिल था हालांकि उनकी टीम ने साफ़ किया कि मणिरत्नम ने ऐसी किसी चिट्ठी पर हस्ताक्षर नहीं किया है.

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इस लिस्ट में देश भर के कई फिल्म सेलेब्रिटीज़ शामिल हैं. बीते दौर के आर्टहाउस और नॉन कमर्शियल फिल्में बनाने के लिए मशहूर श्याम बेनेगल, मॉर्डन दौर के प्रयोगधर्मी और डार्क डायरेक्टर अनुराग कश्यप जैसे नाम प्रमुख हैं. इसके अलावा एक्ट्रेस और फिल्ममेकर कोंकणा सेन शर्मा, फिल्ममेकर अपर्णा सेन, सोमित्रो चटर्जी, डायरेक्टर अंजन दत्ता, फिल्ममेकर सुमन घोष, गौतम घोष, फिल्ममेकर केतन मेहता, साउथ की फिल्ममेकर और एक्ट्रेस रेवती, फिल्ममेकर और एक्टर परमबर्ता चट्टोपाध्याय और डायरेक्टर अदूर गोपालाकृष्णन जैसे नाम शामिल हैं.

गौरतलब है कि फिल्ममेकर अनुराग कश्यप अक्सर सरकार की नाकाम पॉलिसियों पर सवाल उठाते रहे हैं जिसके चलते उन्हें अपना दक्षिणपंथी फैन बेस भी खोना पड़ा है. कश्यप सोशल मीडिया पर चल रहे उन दावों का विरोध करते हैं जिनके अनुसार ये कहा जाता है कि लोगों के पास मोदी का विकल्प नहीं है. अनुराग ने कहा कि बीजेपी में ही पांच बेहतर उम्मीदवार मौजूद हैं. कश्यप को मौजूदा सरकार से सबसे ज्यादा परेशानियां झूठ से है. उन्होंने कहा कि 'वे लोग काफी आसानी से बिना कुछ सोचे समझे और बिना जवाबदेही के झूठ बोलते चले जाते हैं और मीडिया भी उनके साथ खेलता रहता है. कोई सच बोलता ही नहीं है.'

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