6 साल पहले इस बीमारी का श‍िकार हुई थीं सुष्मिता सेन, सुनाई आपबीती

साल 2014 में सुष्मिता सेन एड‍िसन बीमारी से ग्रसित पाई गईं थी. पहले तो उन्होंने हार मान ली लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने इस बीमारी से लड़ना शुरू किया और आज वे इससे बिल्कुल मुक्त हैं. एक्ट्रेस ने वीडियो शेयर कर बताया कैसे उन्होंने इस बीमारी को मात दी.

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सुष्मिता सेन सुष्मिता सेन

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 18 मई 2020,
  • अपडेटेड 3:09 PM IST

बॉलीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन सोशल मीडिया पर काफी एक्ट‍िव रहती हैं. वे अक्सर अपने बच्चों और बॉयफ्रेंड के साथ फोटोज शेयर करने के अलावा वर्कआउट की तस्वीरें भी साझा करती रहती हैं. ऐसा ही एक और वीडियो सुष्मिता ने यूट्यूब पर शेयर किया है जिसमें उन्होंने अपनी बीमारी से लड़ने की कहानी को भी बयां किया है.

इस वीडियो में सुष्मिता सेन बेहद स्फृर्ति से नुनचाकू चलाती देखी जा सकती हैं. बता दें नुनचाकू एक तरह का कराटे किट है जिसे सही तरीके से चलाने के लिए काफी प्रैक्ट‍िस की जरुरत पड़ती है. वीडियो के साथ ही सुष्मिता ने लिखा- 'सितंबर 2014 में जब मुझे पता चला कि मैं एक तरह के ऑटो इम्यून कंडीशन 'एड‍िसन बीमारी' से ग्रस्त हूं तो ऐसा लगा जैसे अब मेरे पास लड़ने के लिए कुछ नहीं है. एक सूखा शरीर जिसमें सिर्फ निराशा और आक्रमकता है. मेरे आंखों के नीचे पड़े डार्क सर्कल्स चार साल की मेरी लड़ाई को पर‍िभाष‍ित नहीं कर सकते थे.'

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'स्टेरॉयड के विकल्प कोर्ट‍िसल लेना और इसके कई दुष्प्रभावों के साथ जीने की सीमा पार हो गई थी. बीमारी के साथ जीने जैसा थकाने वाला एहसास और कुछ नहीं होता. यह हद से ज्यादा था, मुझे खुद के दिमाग को मजबूत करने का तरीका ढूंढना था. मैंने नुनचाकू के साथ मेड‍िटेशन किया. आक्रामकता निकल गई, दर्द से लड़ना एक कला में बदल गई. समय के साथ सब ठीक हो गया. मेरी एड्रेनल ग्रंथ‍ियां वापस जाग गईं, और कोई स्टेरॉयड नहीं, अब 2019 के बाद से कोई ऑटो इम्यून कंडीशन नहीं.'

'इससे सीख मिलती है कि आपसे बेहतर आपके शरीर को और कोई नहीं जानता, इसे सुनें. हर किसी में एक योद्धा होता है, कभी भी हार नहीं मानें.' इसी के साथ सुष्मिता ने नुनचाकू में मदद करने के लिए अपने गुरु नुपूर श‍िखारे को थैंक्यू भी कहा.

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क्या है ये एड‍िसन ड‍ि‍जीज?

बता दें साल 2014 में सुष्मिता एड‍िसन डि‍जीज से ग्रसित पाई गईं थी. इस बीमारी में शरीर हार्मोन्स बनाना बंद कर देता है. इसमें किडनी के ऊपर मौजूद एड्रेनल ग्लैंड्स बहुत कम मात्रा में कोर्ट‍िसल और एल्डोस्टेरोन नाम के हार्मोन्स बनाते हैं, जो कि शरीर के लिए जरूरी है.

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