अनुराग कश्यप और नीरज घैवान द्वारा निर्देशित सैक्रेड गेम्स 2 के आखिरी एपिसोड के बाद से ही कई दर्शक इस शो की क्लाइमैक्स को लेकर उधेड़बुन में है. हालांकि इस शो की स्लो पेस के चलते काफी आलोचना का सामना करना पड़ा था लेकिन शो के क्लाइमैक्स ने दर्शकों को तीसरा सीजन देखने की नई वजह दे दी है.
दरअसल शो का अंत काफी रोमांचक था. सैफ अली खान यानि सरताज न्यूक्लियर बॉम्ब तक पहुंचने में सफल रहता है लेकिन इस बॉम्ब को डिफ्यूज करने के लिए उसे एक पैटर्न की दरकार है और वो गुरूजी की किताब में अपने पिता के हैंडप्रिंट का पैटर्न बना देता है और अब सीजन 3 में ही पता चलेगा कि मुंबई न्यूक्लियर हमले से तबाह हो गई या सरताज मुंबई को बचाने में कामयाब रहा है.
हाल ही में हफपोस्ट इंडिया को दिए गए एक इंटरव्यू में वरुण ग्रोवर ने सीरीज़ के क्लाइमैक्स को लेकर बात की है. उन्होंने इस शो के क्लाइमैक्स को लेकर दो थ्योरी दी हैं.
थ्योरी 1
मुंबई को बचा लिया गया है. क्योंकि दिलबाग का पैटर्न काम कर गया है. जब दिलबाग गुरूजी की किताब में अपना हाथ रख रहा था तो वो एकमात्र ऐसा शख्स था जिसे गुरूजी के खतरनाक प्लान पर भरोसा नहीं था. तो अगर गुरूजी को अपना प्लान फेल-सेफ बनाना था तो उन्हें पासकोड उस पेज पर रखना था जिस पर दिलबाग के हैंड प्रिंट थे. उस समय तक गुरूजी को पता नहीं था कि दिलबाग को बात्या और मैलकम मार गिराएंगे. उन्होंने दिलबाग को इसलिए मारा था ताकि वे किसी को इस प्लान और कोड को लेकर कुछ बता ना पाएं लेकिन सरताज इस कोड को क्रैक करने में कामयाब हो जाता है.
थ्योरी 2
सरताज भले ही दुनिया को बचा रहा हो लेकिन वो पूरी तरह गुरूजी की दुनिया और उनके कल्ट में शामिल हो चुका है. वो काफी बदल चुका है और कहीं ना कहीं गुरूजी के प्लान पर विश्वास करने लगता है. यही कारण है कि वो आखिर में अहं ब्रहास्मि बोलता है. गुरूजी ने गायतोंडे को इस काम के लिए इस्तेमाल किया था क्योंकि गुरूजी मुंबई के साथ ही गायतोंडे का बलिदान चाहते थे. जब आप एक नए युग में जाते हैं तो आपको अपने सबसे करीबी का बलिदान देना पड़ता है और गुरूजी के लिए वो गायतोंडे था. लेकिन गायतोंडे खुद को मार चुका है लेकिन सरताज के गुरूजी की सेना को जॉइन करने के बाद से ही वो बात्या का सबसे करीबी हो जाता है. बात्या कई मायनों में नई गुरूजी हैं. तो कहीं ना कहीं बात्या, सरताज को ट्रिक करती है और वो बॉम्ब के पास जाता है और चूंकि नई दुनिया में जाने के लिए बलिदान की जरूरत है तो सरताज, बात्या के लिए ये बलिदान दे देता है और सतयुग की रूपरेखा तैयार हो जाती है.
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