शोले बनाने वाले रमेश स‍िप्पी के नाम है फ्लॉप फ‍िल्मों का र‍िकॉर्ड

Ramesh Sippy Birthday Special हिंदी सिनेमा की यादगार फ‍िल्मों में से एक शोले जैसी फिल्म का दोबारा बनना नामुमक‍िन सा है. शोले एक ऐसी फिल्म है ज‍िसके हर किरदार को लीड एक्टर की तरह शोहरत मिली.

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रमेश स‍िप्पी  PHOTO: Reuters रमेश स‍िप्पी PHOTO: Reuters

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 8:05 AM IST

Ramesh Sippy Birthday Special हिंदी सिनेमा की यादगार फ‍िल्मों में से एक शोले जैसी फिल्म का दोबारा बनना नामुमक‍िन है. फिल्म का न‍िर्देशन दिग्गज फिल्म निर्माता रमेश सिप्पी ने किया था. 23 जनवरी 1947 को मशहूर प्रोड्यूसर जीपी स‍िप्पी के बेटे हैं. लेकिन आज भी उनकी पहचान 1975 में र‍िलीज हुई फिल्म शोले से है.

रमेश स‍िप्पी के फिल्मी क‍र‍ियर पर नजर डालें तो शोले जैसी सुपरह‍िट बनाने वाले इस डायरेक्टर के खाते में चुन‍िंदा ह‍िट फिल्में हैं. उनका नाम,  शान, सीता-गीता, शक्‍त‍ि है. इसके अलावा ज‍ितनी भी फिल्में बनी, उन्होंने बॉक्स ऑफ‍िस पर खास मुकाम नहीं बनाया. बतौर प्रोड्यूसर रमेश स‍िप्पी ने कई फिल्मों पर काम किया, इनमें सोनाली केबल, नौटंकी साला, चांदनी चौक टू चाइना, टैक्सी नं 9211 जैसी तमामा फिल्में हैं. लेकि‍न यहां भी रमेश स‍िप्पी को खास मुकाम नहीं मिला. रमेश स‍िप्पी ने टीवी की दुनिया में भी हाथ आजमाया, इनमें बुन‍ियाद सीर‍ियल शामिल है. ज‍िसे यादगार सफलता मिली. 

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शोले से जुड़े द‍िलचस्प फैक्ट

इस फिल्म के बारे में दो साल पहले द‍िए एक इंटरव्यू में रमेश स‍िप्पी ने बताया था कि शोले बनाने के लिए एक वक्त मेरे पास पैसे भी नहीं थे. मैं बहुत हद तक अपने प‍िता जीपी स‍िप्पी पर न‍िर्भर था. जब पैसे नहीं थे तो मैंने अपने प‍िता से बात की. उनकी अंतिम फिल्म 'सीता और गीता' थी, जिसे बनाने में 40 लाख रुपये लगे थे. यह फिल्म बड़ी हिट रही थी. उन्होंने मेरी मदद की. पूरा बजट देखूं तो शोले बनाने में 3 करोड़ रुपये लगे थे, स्टारकास्ट में मात्र 20 लाख रुपये लगे."

शोले फिल्म के किरदार और उनके डायलॉग्स आज भी लोगों की जुबां पर रहते हैं. लेकिन इस फिल्म के हर किरदार की कास्ट‍िंग का किस्सा बड़ा द‍िलचस्प रहा. रमेश स‍िप्पी ने बताया, "शोले में आधी कास्ट फिल्म 'सीता और गीता' की है क्योंकि उसमें हेमा मालिनी, संजीव कुमार और धर्मेंद्र थे. फिल्म 'गुड्डी' के चलते जया बच्चन को कास्ट किया. अमिताभ बच्चन के नाम से पहले शत्रुघन सिन्हा के नाम का विचार चल रहा था. लेकिन सलीम-जावेद के कहने पर अमिताभ बच्चन को फिल्म में लिया. 'आनंद' और 'बॉम्बे टू गोवा' देखने के बाद मैंने तय कर लिया था कि अमिताभ को फिल्म में लेना चाहिए."

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फिल्म में सबसे मशहूर रोल गब्बर स‍िंह का किरदार सबसे पहले डैनी डेन्जोंगपा को मिला था. लेकिन तारीख नहीं मिल पाने की वजह से अमजद खान को कास्ट किया गया. यही वो रोल था ज‍िसने अमजद खान के कर‍ियर को नया मुकाम द‍िया. उन्होंने इस रोल की खास तैयारी भी की थी.

फिल्म में सांभा का रोल न‍िभाने वाले मैकमोहन भी फिल्म में अपने रोल से शुरुआत में खुश नहीं थे. उन्हें लगता था कि मेरे किरदार के ह‍िस्से में डायलॉग बहुत कम हैं. लेकिन बाद में रमेश सिप्पी के कहने पर उन्होंने रोल के लिए हामी भर दी. मैकमोहन का असली पहचान सांभा के रोल के बाद ही मिली.

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