लड़कियों से ज्यादा लड़के शीशा देखते रहते हैं: प्रीति जी. जिंटा

इंडिया टुडे कॉनक्लेव ईस्ट 2018 में प्रीत‍ि जी. जिंटा ने कहा कि लड़के लड़कियों से ज्‍यादा शीशा देखते हैं.

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प्रीत‍ि जी. जिंटा प्रीत‍ि जी. जिंटा

महेन्द्र गुप्ता

  • नई दिल्ली,
  • 10 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 7:33 AM IST

दो द‍िवसीय इंडिया टुडे कॉनक्लेव ईस्ट 2018 में प्रीत‍ि जी. जिंटा ने श‍िरकत की. इस दौरान उन्होंने आईपीएल, फिल्म, सट्टेबाजी, मीटू व अन्य विषयों पर बात की.

प्रीत‍ि जिंटा से पूछा गया कि कौन है जिससे आप कहना चाहोगी कि आप हमेशा शीशा ही देखते रहते हो. प्रीत‍ि ने कहा- मैं अपने आप से कहना चाहूंगी. उन्‍होंने कहा- मुझे लगता है कि लड़के लड़कियों से ज्‍यादा शीशा देखते हैं.

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 प्रीति जिंटा ने इस इवेंट के दौरान तमाम समसामयिक मुद्दों पर बातचीत की. प्रीति ने अपनी पहली फिल्‍म 'क्‍या कहना' के कुछ किस्‍से सुनाए. उन्‍होंने कहा- उस समय मैं नई थी. मैंने सब कुछ सेट पर ही सीखा. हर कोई मुझे डांटता था. प्रीति जिंटा ने बताया कि उन्हें सबसे ज्यादा डांस कोरियोग्राफर सरोज खान से पड़ी. वह कहती थीं, ''ये क्‍या है इनको खड़ा होना नहीं आता. स्‍टैंड हैं या हीरोइन."

प्रीति ने कहा कि उन्‍हें उस वक्त समझ नहीं आता था कि कैसे करें. सरोज जी उन्‍हें सबके सामने डांट देती थीं. प्रीति जिंटा ने कहा ''मैं वापस आने के लिए कुंदन शाह से अपना पासपोर्ट मांगने गई. ये सुनकर वो काफी चिल्‍लाए. उन्‍होंने मुझे रोकने के लिए गेट बंद कर लिए. मैंने उनका लेक्चर सुना और फिर फिल्म की दुनिया में मैं पूरी तरह सेटल हो गई.''

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