सुपर 30 को-फाउंडर का आरोप, फैक्ट गलत, रितिक की फिल्म बायोपिक नहीं

सुपर 30 की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले और इसके को-फाउंडर पूर्व डीजीपी अभयानंद का कोई जिक्र तक नहीं है. सूत्रों के मुताबिक़ ऐसा आनंद कुमार की मर्जी से हो रहा है. आनंद कुमार सिर्फ खुद को 'सुपर 30' के एकमात्र संस्थापक के तौर पर दिखाना चाहते हैं.

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रितिक रोशन और विकास बहल के साथ आनंद कुमार रितिक रोशन और विकास बहल के साथ आनंद कुमार

अनुज कुमार शुक्ला

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  • 19 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 1:38 PM IST

बॉलीवुड में इस वक्त एक पर एक बायोपिक फिल्मों का निर्माण किया जा रहा है. बॉक्स ऑफिस पर पिछली कुछ बायोपिक फिल्में सफल भी साबित हुई हैं. इस कड़ी में बिहार में 30 जरूरतमंद बच्चों को IIT जैसे संस्थानों में भेजने के लिए मशहूर कोचिंग संस्था 'सुपर 30' के संस्थापक आनंद कुमार पर भी बायोपिक बन रही है. रितिक रोशन आनंद कुमार की भूमिका निभा रहे हैं. हालांकि अब इसे लेकर एक नया विवाद सामने आ रहा है.

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सूत्रों ने डीएनए को बताया कि सुपर 30 की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले और इसके को-फाउंडर पूर्व डीजीपी अभयानंद का कोई जिक्र तक नहीं है. सूत्रों के मुताबिक़ ऐसा आनंद कुमार की मर्जी से हो रहा है. आनंद कुमार सिर्फ खुद को 'सुपर 30' के एकमात्र संस्थापक के तौर पर दिखाना चाहते हैं.

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सुपर 30 के को-फाउंडर अभयानंद ने डीएनए से कहा, 'फिल्म में उनका कोई जिक्र तक नहीं है. इसे बायोपिक नहीं कहा जा सकता. अभयानंद के मुताबिक फिल्म में कई तथ्य गायब हैं. अगर किसी बायोपिक में जरूरी तथ्य ही छुपा दिए जाएं या उनको न फिल्माया जाए तो फिर उसके बायोपिक कहलाने का कोई हक़ नहीं है.'

अभयानंद ने आनंद कुमार की मुख्य भूमिका निभाने वाले रितिक रोशन को भी सलाह दी. उन्होंने कहा, 'रितिक रोशन को सत्य जानने की जरूरत है. रितिक अगर बिहार आकर यहां स्थानीय लोगों से बात करें तो उनको तथ्यों का पता चल जाएगा.'

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बता दें कि सुपर 30 बिहार की कोचिंग इंस्टिट्यूट है जो गरीब विद्यार्थियों को आईआईटी एंट्रेंस इग्जाम की मुफ्त में तैयारी करवाती है. सुपर 30 में तैयारी करने वाले सैकड़ों जरूरतमंद बच्चे आईआईटी और एनआईटी जैसे संस्थानों में दाखिला पा चुके हैं. यह सिलसिला आज भी जारी है. 2002 में संस्था की शुरुआत आनंद कुमार ने की थी. इसके को-फाउंडर अभयानंद थे.

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बताते चलें कि 2008 में इस संस्था के अच्छे संचालन के लिए आनंद और अभयानंद को रियल हीरो अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है. 5 लाख रुपए का चेक भी दिया गया था जिसे अभयानंद ने लेने से मना कर दिया था. पर जब उन्हें ये पता चला कि उनके साथी आनंद ने पैसे ले लिए हैं तो उन्होंने संस्था छोड़ दी. अभयानंद अब गया में 'रहमनी 30' और 'मगध सुपर 30' नाम से अलग संस्था चलाते हैं. उनके ऊपर भी सुजीत के सिंह एक डॉक्यूमेंट्री बना रहे हैं. हालांकि इस डाक्यूमेंट्री में आनंद को पूरा क्रेडिट दिया गया है.

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