कमेटी ने भंसाली से मांगे इन 6 सवालों के जवाब, कई पर रहे चुप

पद्मावती मामले में संसदीय कमेटी में गुरुवार को करीब ढाई घंटे से ज्यादा देर तक संजय लीला भंसाली की पेशी हुई. भंसाली से कई सवाल किए गए. उन्हें कुछ सवालों के लिखित जवाब के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया गया है.

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पद्मावती पद्मावती

महेन्द्र गुप्ता

  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 6:43 PM IST

पद्मावती मामले में संसदीय कमेटी में गुरुवार को करीब ढाई घंटे से ज्यादा देर तक संजय लीला भंसाली की पेशी हुई. भंसाली से कई सवाल किए गए. उन्हें कुछ सवालों के लिखित जवाब के लिए दो हफ्ते का वक्त दिया गया है. जानिए कमेटी ने क्‍या सवाल पूछे.

#1. सेंसर बोर्ड को फिल्म भेजने से पहले आपने मीडिया में कुछ लोगों को फिल्म क्यों दिखाई? इसका क्या मतलब है.

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#2. आपने 11 नवंबर को फिल्म सेंसर बोर्ड के पास भेजी और खुद से ही ऐलान कर दिया की फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज होगी जबकि आपको मालूम है कि सेंसर बोर्ड के पास फिल्म को सर्टिफिकेट देने के लिए 68 दिन का समय होता है. अपने खुद से तारीख कैसे तय कर ली?

#3. जब पिछले डेढ़ साल से विवाद चल रहा है तब आपने इसे ठीक करने के लिए कदम क्यों नहीं उठाया?

#4. जब फिल्मों में सारे नाम और सारे कैरेक्टर इतिहास से लिए हुए हैं तब यह कैसे कहा जा सकता है कि फिल्म का इतिहास से कोई लेना देना नहीं है.

#5. क्या यह बात सही है कि आपने पहले करणी सेना को यह वादा किया था कि फिल्म उन्हें दिखाएंगे?

#6. क्या फिल्म में जौहर का दृश्य दिखाया गया है? क्या सती प्रथा को फिल्मों में दिखाया जा सकता है?

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संसदीय कमेटी के सामने पेशी के बाद पद्मावती के निर्देशक संजय लीला भंसाली ने सफाई भी दी है. भंसाली ने कहा, 'मेरी फिल्‍म पद्मावती की कहानी इतिहास पर आधारित नहीं है. यह मलिक मोहम्‍मद जायसी की कविता पर आधारित है.' भंसाली का यह बयान नए विवाद को जन्म दे सकता है.

 बात दें कि मलिक मोहम्‍मद जायसी ने अवधी में 'पद्मावत' नाम से एक महाकाव्‍य रचा था.  यह रानी पद्मिनी की कहानी है. जिसके मुताबिक रानी के रूप में मोहित सुल्‍तान अलाउद्दीन खिलजी उन्‍हें किसी भी हाल में पाना चाहता था, इसके लिए उसने चित्‍तौड़ पर हमला किया, लेकिन हजारों राजपूत महिलाओं के साथ रानी पद्मिनी ने आग में कूदकर जौहर कर लिया था.

सावधानी बरतते हुए बीजेपी CMs ने लगाया पद्मावती पर बैन: जेटली

संजय लीला भंसाली और सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी संसद की इन्फॉर्मेशन और टेक्नॉलजी कमेटी के सामने पेश हुए. 14 सदस्यीय इस कमेटी के 8 सदस्यों के सामने प्रसून जोशी पेश हुए. बीजेपी से दो सदस्यों ने फिल्म पर बैन की मांग की तो शिवसेना के सदस्य ने इसका समर्थन किया. बाकी के सदस्यों ने कहा कि जब सेंसर बोर्ड ने फिल्म को मंजूरी ही नहीं दी है तो बैन का सवाल कहां से उठता है.

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  संसदीय कमेटी के सामने प्रसून जोशी ने कहा कि उन्होंने अभी तक फिल्म नहीं देखी है. फिल्म को पहले रीजनल कमेटी देखेगी और फिर सेंट्रल कमेटी. सेंसर बोर्ड पहले एक्सपर्ट्स की राय लेगा फिर किसी नतीजे पर पहुंचेगा. मीटिंग में सेंसर बोर्ड चीफ से पूछा गया कि क्या फिल्म के प्रोमो को अप्रूव कराया गया था. जिस पर उन्होंने कहा, हां प्रोमो अप्रूव थे. कुछ मेंबर्स ने यह भी कहा कि कमर्शियल फायदे के लिए विवादों को तूल दिया जा रहा है.

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संसद की पिटीशन कमेटी के सामने सुनवाई

स्टैंडिंग पिटीशन कमेटी ने फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली, CBFC और सूचना प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों को समन किया था. ताकि ये पता किया जा सके कि इस मामले में अब तक क्या कार्रवाई हुई है.

चित्तौड़गढ से भाजपा सांसद सीपी जोशी ने कहा, हमने इस पीटिशन कमिटी में पद्मावती फिल्म पर प्रतिबंध की मांग की है, क्योंकि इस फिल्म में इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है. सेंसर बोर्ड ने फिल्म के प्रोमों को पास किया, लेकिन उस प्रोमों में घूमर डांस दिखाया है जिस पर आपत्ति है. हमने ये बात भी कमिटी के सामने रखी.

निर्देशक भंसाली की तरफ से लिखित में कमिटी को बताया गया कि फिल्म इतिहास के तथ्यों पर आधारित है. लेकिन जायस की पद्मावत तो घटना के कई सौ साल बाद लिखा गया, वो सत्य कैसे हो सकता है? इस सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा, क्या पद्मावती, राजा रत्नसेन और पद्मावती का महल आज भी है वो काल्पनिक है?

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कोटा से भाजपा सांसद ओम बिड़ला ने कहा, हमने पीटिशन कमिटी के सामने अपनी बात रख दी है.  निर्देशक ने लिखित में कमिटी को बताया था कि इतिहास के तथ्यों के आधार पर फिल्म बनाई गई है. सेंसरबोर्ड इतिहास के साथ छेड़छाड़ को देखे.  प्रोमों को सर्टिफिकेट दिया या नहीं? ये सेंसर बोर्ड बताएगा लेकिन जो प्रोमों और ट्रेलर दिखाए जा रहे हैं, जब वहीं आपत्तिजनक है तो फिल्म में कितना आपत्तिजनक होगा.

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